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Akshaya Tritiya 3 May 2022: साहू समाज के लिए विशेष महत्व का दिन हैं अक्ती पर्व, पढ़ें यह पूरा आलेख

Akshaya Tritiya (अक्ती पर्व) 3 May 2022 : आज का दिन विशेष है क्योंकि इस वर्ष संयोग से 3 पर्व (अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती एवं ईद-उल-फितर) है। कुछ लोग छत्तीसगढ़ी परंपरा के अक्ती को अगती तिहार भी कहते हैं। इस दिन से किसान अपने खेतों में खरीफ फसल की तैयारी शुरू करता है और गुड्डा-गुड़िया के विवाह के रूप में विवाह परंपरा का पुण्य स्मरण किया जाता है। साहू समाज के लिए आज का दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि आज के दिन साहू समाज ने “आदर्श-सामूहिक विवाह” रूपी अभिनव कार्यक्रम को राष्ट्र को योगदान समर्पित किया था।

घटना 1975 की है, वर्तमान महासमुंद जिला के बागबाहरा विकासखंड के मुनगासेर गांव में साहू समाज द्वारा “आदर्श- सामूहिक विवाह” का ऐतिहासिक आयोजन किया था। यद्यपि आदर्श विवाह आनंद मार्गी संस्थाओं, आर्य समाज एवं गायत्री परिवार द्वारा पूर्व से आयोजन किये जाने का दावा किया जाता है फिर भी आदर्श एवं सामूहिक विवाह का जातीय मंच में प्रथम आयोजन का श्रेय साहू समाज को ही जाता है।

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उन दिनों समाजवादी चिंतक स्व जीवन लाल साव अधिवक्ता रायपुर जिला साहू संघ (वर्तमान महासमुन्द, गरियाबंद एवं धमतरी जिला का संयुक्त संघ) का अध्यक्ष थे । महासमुन्द क्षेत्र के सर्वाधिक गतिशील साहू संगठन का नेतृत्व स्व नाथूराम साहू, स्व जइत राम साव, स्व आशाराम साव, स्व कृष्णाराम साहू के कुशल नेतृत्व में संचालित था । सन 1972 में महासमुन्द में 1001 कुंडीय गायत्री यज्ञ का आयोजन हुआ था, जिसमें गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा जी पधारे थे । आचार्य जी ने यज्ञ स्थल में एक जोड़ा वर-वधु का आदर्श विवाह कराकर आशीर्वाद प्रदान किया था । उस विवाह को समाज ( साहू समाज नहीं ) ने मान्य नहीं कर पुनः परंपरागत विवाह कराया था। यह बात स्व नाथूराम एवं स्व कृष्णा राम जी को चुभ गई थी और उन्होंने बड़ा आयोजन का संकल्प लिया था। उनके संकल्प को जिला साहू संघ के तत्कालीन अध्यक्ष स्व जीवन लाल साव का प्रोत्साहन मिला और भव्य आयोजन की तैयारी शुरू हो गई। स्व कृष्णा राम जी हरिद्वार की यात्रा कर आचार्य श्रीराम शर्मा जी से मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद लेकर लौटे। उनके आशीर्वाद से महासमुन्द के तत्कालीन गायत्री परिवार के प्रमुख स्व ज्वाला प्रसाद शर्मा जी एवं श्री नरेन्द्र दुबे जी का सहयोग मिला। आयोजन की तैयारी के दौर में महासमुन्द क्षेत्र में भीषण दुर्भिक्ष पड़ा और आजीविका के लिए किसान-मजदूर आंदोलन प्रारम्भ हो गया, जिसका नेतृत्व स्व जीवन लाल साव जी कर रहे थे। किसान सरकार की लेव्ही नीति का विरोध कर रहे थे, जिसमें किसानों का धान 75 रु क्विंटल की दर से सरकारी मंडी में बेचने की अनिवार्यता थी जबकि खुले बाजार में धान का भाव लगभग 100 रु क्विंटल चल रहा था।

 

मुझे स्मरण है कि जनवरी माह में बागबाहरा में प्रदर्शन की तैयारी के लिए हमारे गांव मोंगरापाली में किसानों की बैठक हुई थी और प्रति परिवार एक व्यक्ति को आंदोलन में भागीदारी करने का निर्णय लिया गया था । बागबाहरा में महासमुन्द लोकसभा के तत्कालीन सांसद स्व श्री कृष्ण अग्रवाल जी के निवास का घेराव कर उग्र प्रदर्शन किया गया था । किसान आंदोलन बढ़ते गया और 12 फरवरी को आरंग में उग्ररूप धारण कर लिया था । इस दिन तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्व विद्याचरण शुक्ल जी का आरंग कार्यक्रम बना था । उनके आरंग आगमन पर किसान घेराव कर दिए । स्व शुक्ल जी डागा राइस मिल में बैठक लेने लगे, जिसमें कुछ आंदोलन कारियों ने आग लगा दिया । स्व साव जी के हस्तलिखित संस्मरण के अनुसार स्व शुक्ल जी को वहां से सुरक्षित बाहर निकालने पुलिस को लाठी और गोली चलाना पड़ा था । स्व जीवन लाल साव एवं उनके 66 से अधिक साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया था । दूसरे दिन उनकी गिरफ्तारी के विरोध में राज्य के अनेक स्थानों में विरोध प्रदर्शन और गिरफ्तारियां हुई, जिसमें तत्कालीन विधायक स्व पुरुषोत्तम लाल कौशिक जी भी शामिल थे । स्व कौशिक जी सहित सभी किसान नेताओं को 2 दिनों में रिहा कर दिया गया किन्तु स्व जीवन लाल साव पर “मेंटेनेन्स ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट ( मीसा )” का धारा लगाकर जेल में निरुद्ध कर दिया गया । इस प्रकार स्व जीवन लाल साव जी छत्तीसगढ़ के प्रथम मीसा बंदी हुए।

आदर्श सामूहिक विवाह के आयोजनकर्ता अपने आयोजन में सभी जातियों के वर-वधुओं के जोड़ों को शामिल करना चाहते थे लेकिन जिला अध्यक्ष स्व जीवन लाल साव जी की गिरफ्तारी से नेतृत्वहीन हो गए और आयोजन की तैयारी साहू समाज तक सीमित हो गया । निर्धारित तिथि अक्ति के दिन ( 15 मई 1975 ) मुनगासेर गांव में 27 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ । सौभाग्य से मैं भी उस कार्यक्रम में उपस्थित था क्योंकि मेरी मौसी का विवाह हुआ था । उस आयोजन को देखने 20 हजार से अधिक लोगों का जन समुदाय जुटा हुआ था। साहू समाज के समर्पित कार्यकर्ताओं ने सभी को भोजन कराकर विदा किया था । स्व जीवन लाल साव जी आशीर्वाद समारोह में शामिल होने शासन में आवेदन किये थे किंतु उन्हें पेरोल नहीं मिला था।

दूसरे वर्ष सन 1976 में स्व जीवन लाल साव जी के नेतृत्व में बागबाहरा मंडी में 51 जोड़ों का भव्य आयोजन हुआ, जिसका प्रसारण बी बी सी से हुआ था । आकाशवाणी रायपुर के श्री मिर्ज़ा मसूद द्वारा एक घंटे का डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाया गया था जिसके अंशों को दूरदर्शन के कार्यक्रमों में दिखाया जाता था । सन 1982 तक छत्तीसगढ़ के अनेक स्थानों में साहू समाज द्वारा आदर्श-सामूहिक विवाह के आयोजन सम्पन्न हुए और देश के अन्य राज्यों में भी फैलाव हो गया । वर्तमान में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भिन्न नामों से यह कार्यक्रम सरकार योजना के रूप में शामिल है । सभी विद्वत जन मानते हैं कि सामूहिक विवाह का कार्यक्रम साहू समाज की देन है।

Akshaya Tritiya 3 May 2022 : साहू समाज के लिए विशेष महत्व का दिन हैं अक्ती पर्व

Akshaya Tritiya 3 May 2022 : साहू समाज के लिए विशेष महत्व का दिन हैं अक्ती पर्व

सन 2016 में उस आयोजन के पुण्य स्मरण में मुनगासेर में 130 जोड़ों का सामूहिक विवाह का आयोजन तत्कालीन विधायक एवं वर्तमान सांसद श्री चुन्नीलाल साहू के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशिला साहू जी सहित अनेक गणमान्य शामिल हुए और पूर्व की तरह साहू समाज ने सभी को भोजन कराकर विदा किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी की घोषणा अनुसार ऐतिहासिक ग्राम मुनगासेर में 20 लाख रुपयों की लागत से पुरखों के स्मरण में ” समरसता भवन ” का निर्माण कराया गया है। (Akshaya Tritiya 3 May 2022)
मैं प्रथम आयोजन के पुरोधा पुरखों का पुण्य स्मरण करते हुये सादर नमन करता हूं। 

आलेख : प्रोफेसर घनाराम साहू रायपुर (छग)

Professor Ghanaram Sahu Raipur

Akshaya Tritiya (अक्ती पर्व) 3 May 2022

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