Benefits of Turmeric: कई गुणों से भरपूर है हल्दी, सर्दी, जुकाम और कफ में हल्दी का सेवन लाभकारी

Benefits of Turmeric: आम बीमारियों के उपचार से जुड़ी कई चीजें हमारी रसोई में उपलब्ध हैं। उनमें कई गुणों से युक्त हल्दी भी एक है। अपने विशिष्ट औषधीय और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण हल्दी का आयुर्वेद में भी विशेष महत्व है। हल्दी रोगाणुओं को रोकने वाली (रोगाणुरोधक या एंटी-सेप्टिक) होती है। साथ ही यह हमारी इम्युनिटी को बढ़ाता है और कई तरह के संक्रमण की रोकथाम में सहायक है। हल्दी के औषधीय गुण कई बीमारियों के बचाव और उपचार में मदद कर सकते हैं।

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हल्दी को लेकर किए गए एक शोध में पाया गया कि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, केलोरेटिक, एंटी-माइक्रोबियल (लिवर को सुरक्षित रखने वाला गुण), कार्डियो-प्रोटेक्टिव और नेफ्रो-प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। चाहे अंदरूनी घाव हो या शरीर के बाहर के घाव, हल्दी उन्हें भरने का काम करती है। खून के रिसाव को रोकने या चोट को ठीक करने के लिए हल्दी का आमतौर पर उपयोग होता है। हाथ-पैरों में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए भी हल्दी वाला दूध फायदेमंद है। सर्दी, जुकाम या कफ की शिकायत हो तो हल्दी वाला दूध पीना लाभकारी होता है। (Benefits of Turmeric)

हल्दी मिला गर्म दूध यानि गोल्डन मिल्क सामान्य मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी-जुकाम में राहत दिलाते हैं। वहीं यह फेफड़ों के कफ को भी बाहर निकालने यानि एक्सपेक्टोरेंट के रूप में कारगर है। आयुर्वेद पद्धति में हल्दी को रक्त विकारों को दूर करने और एंटी-हिस्टामाइन के रूप में कारगर माना गया है। फलस्वरूप यह एलर्जिक सर्दी-जुकाम तथा इओसिनोफिलिया जैसे रोगों के उपचार में सहायक है। (Benefits of Turmeric)

आयुर्वेदिक कॉलेज के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि हल्दी तिक्त, उष्ण, रक्तशोधक और वायु विकारों को नष्ट करने वाली होती है। हल्दी के सेवन से पेट के नुकसानदेह जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। हल्दी एंटी-बायोटिक की तरह ही रोगाणुजनित रोगों के उपचार में सहायक है। हल्दी का उपयोग सदियों से सौंदर्यवर्धक के रूप में होते आया है। इसके उबटन से चेहरा निखरता है तथा यह अनेक चर्म रोगों में भी प्रभावी है। भारत में पाई जानी वाली हल्दी में रासायनिक पदार्थ करक्यूमिन की मात्रा अधिक होती है।

हल्दी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक (हर्बल) दवाओं में होता है और इससे बनी औषधियां बदन दर्द, थकान दूर करने और सांस संबंधी परेशानियों में असरदार हैं। बाह्य लेप और आन्तरिक सेवन दोनों प्रकार से प्रयोग करने पर शीघ्र लाभ होता है। हल्दी का औषधि के रूप में उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञ के परामर्श में करना चाहिए।

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