Bhadrapada shuruwat: आज से भाद्रपद की शुरुआत, भक्तिमय रहेगा पूरा महीना

Bhadrapada shuruwat: आज यानी 12 अगस्त से हिन्दी पंचांग का छठा महीना मतलब भाद्रपद शुरू हो गया है। इसे भादौ मास भी कहते हैं। ये पूरा महीना भक्ति को समर्पित है। इस महीन में जन्माष्टमी (18-19 अगस्त), कुशग्रहिणी अमावस्या (27 अगस्त), हरितालिका तीज (30 अगस्त), 31 अगस्त से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी। इसी महीने की पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष भी शुरू होगा। भादौ मास श्रीकृष्ण के भक्तों के बहुत खास है, क्योंकि इसी महीने में विष्णु जी के आठवे अवतार श्रीकृष्ण प्रकट हुए थे। इस महीने में मथुरा, वृंदावन, गोकुल और गोवर्धन पर्वत में लाखों भक्त पहुंचते हैं और श्रीकृष्ण की भक्ति में डूब जाते हैं। इसके बाद हरितालिका तीज व्रत किया जाएगा, जिसमें महिलाएं देवी पार्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा और व्रत करती हैं।

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 मान्यताओँ के मुताबिक इस व्रत से महिलाओं का वैवाहिक जीवन सुखी और प्रेम पूर्ण रहता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में दस दिवसीय गणेश उत्सव मनाया जाता है। इन दिनों में घर-घर गणपति जी की प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी। लगातार दस दिनों तक रोज सुबह-शाम भगवान की विशेष पूजा होगी। इस तरह पूरा भादौ मास श्रीकृष्ण, देवी पार्वती और गणेश जी की भक्ति में रमे रहने का होता है। इस महीने में दान-पुण्य जरूर करें। बारिश की वजह से कई लोगों को काम नहीं मिल पाता है, ऐसे में अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों को धन संबंधी मदद जरूर करें। (Bhadrapada shuruwat)

वहीं इस महीने में पूजा-पाठ के साथ ही अपने इष्ट मित्रों के मंत्रों का जप भी करना चाहिए। मंत्र जप करते हुए मेडिटेशन करेंगे तो मन को शांति मिलती है। इस पूरे महीने में की गई भक्ति से बुरे विचारों से मुक्ति मिलती है और सकारात्मकता बढ़ती है। भादौ मास में भी अधिकतर क्षेत्रों में लगातार बारिश होती है, सूर्य देव के दर्शन नहीं होते हैं। धूप न मिलने से हमारी पाचन शक्ति थोड़ी कमजोर हो जाती है। ऐसे में हमें खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसी चीजें खाने से बचें, जिन्हें पचाने में दिक्कत होती है। पत्तेदार सब्जियां इस समय न खाएं तो बेहतर रहेगा। खाना अच्छी तरह पकाकर खाएं। पानी उबालकर ठंडा करके पिएं, क्योंकि इस समय बारिश की वजह से खाने की चीजें में और पानी में कई तरह के हानिकारक कीटाणु पनप जाते हैं, इन्हें मारने के लिए भोजन को पकाना और पानी को उबालना जरूरी है। (Bhadrapada shuruwat)

भाद्रपद के महीने में पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। इससे मन और शरीर की स्थिति उत्तम बनी रहती है। भाद्र का अर्थ है- कल्याण करने वाला। भाद्रपद का अर्थ है – भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का महीना। यह महीना लोगों को व्रत, उपवास, नियम तथा निष्ठा का पालन करवाता है। अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम महीना है। मन को शुद्ध करने और पवित्र भाव भरने में यह महीना काफी कारगर है। इसी महीने में गणेश चतुर्थी का बड़ा पर्व मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी भी इसी महीने में आती है। इस बार भाद्रपद का महीना 16 अगस्त से 14 सितम्बर तक रहेगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि पूरा महीना भक्तिमय रहेगा। (Bhadrapada shuruwat)

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