Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ कांग्रेस जिलाध्यक्षों में बढ़ा असंतोष!, संगठन और सरकार पर गंभीर आरोप

Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मंत्री TS सिंहदेव के पंचायत विभाग से इस्तीफे के बाद से हड़कंप मच गई है। इस बीच कांग्रेस की बैठक में जिलाध्यक्षों और कार्यकर्ताओं का असंतोष सामने आया है। शनिवार को एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें कई जिलाध्यक्षों ने सरकार और संगठन दोनों पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। एक जिलाध्यक्ष ने यहां तक कह दिया कि कार्यकर्ताओं की असंतोष की वजह से ही अजीत जोगी की सरकार गई थी। वहीं रमन सिंह की सरकार भी गई थी। अगर ये बातें नहीं समझी गईं तो मंत्रियों का काम बिगड़ेगा। हमारा क्या है-हम तो कार्यकर्ता हैं। दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में शनिवार को प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी PL पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत तमाम वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए।

यह भी पढ़ें:- CM Bhupesh Baghel: तो क्या सच में अपने ही संगठन के काम से नाराज हैं CM भूपेश बघेल, पढ़ें पूरी खबर

बैठक में मुख्य एजेंडे पर बात रखने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वहां से चले गए थे। उसके बाद संगठन को लेकर बात शुरू हुई तो पदाधिकारियों की नाराजगी एक-एक कर बाहर आने लगी। बैठक में कई बातें खुलकर सामने आई। बैठक के दौरान कहा गया कि कार्यकर्ता उदास हैं। नियुक्तियां संगठन से पूछ कर नहीं हो रही हैं। उनके जिले की मंडियों में संचालक समिति बनी। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हुई है। इन नियुक्तियों से पहले उन लोगों से पूछा तक नहीं गया। नियुक्ति का पता भी अखबार से चलता है। निगम-मंडलों में 2200 नियुक्तियों की बात थी, लेकिन इसकी सूची 400 पर अटक गई। एक जिलाध्यक्ष ने कहा कि हम जब विपक्ष में थे तो प्रशासन की हिम्मत नहीं होती थी हमारी बात काटने की, लेकिन अब तो कोई सुनवाई ही नहीं है। इसकी वजह से 2023 में परेशानी आएगी। (Chhattisgarh Congress)

हमारे कार्यकर्ता 4 साल से परेशान हैं: जिलाध्यक्ष

वहीं एक अन्य जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के नाराजगी की बात की। उन्होंने कहा कि अजीत जोगी की सरकार क्यों गई थी? रमन सिंह चाउर वाले बाबा कहलाते थे, मोबाइल बांटे फिर भी उनकी सरकार क्यों गई? यह सब कार्यकर्ताओं के असंतोष की वजह से हुआ। अगर यह बातें नहीं समझी गईं तो बिगड़ेगा आपका। आप लोग जो डायस में बैठे हैं, बिगड़ेगा उनका जो मंत्री हैं। कई पदाधिकारियों ने विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ भी नाराजगी जताई। एक पदाधिकारी ने कहा कि उन लोगों को कोई पूछ नहीं रहा है। अपॉइंटमेंट नहीं मिलता। विधायक उनका सम्मान नहीं करते। प्रशासन BJP के लोगों के इशारे पर काम कर रहा है। हमारे कार्यकर्ता 4 साल से परेशान हैं। (Chhattisgarh Congress)

यह भी पढ़ें:- Congress Protest: राहुल के बाद अब सोनिया गांधी से पूछताछ का भी विरोध करेगी कांग्रेस, 21 जुलाई को देशभर में करेंगे प्रदर्शन

बता दें कि इससे पहले CM भूपेश बघेल ने भी नाराजगी जाहिर की थी। राजीव भवन में हुई बैठक के दौरान संगठन के कामों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुश नजर नहीं आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक समीक्षा के दौरान CM ने कुछ खामियां दूर करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, पिछली बैठकों में तय एजेंडा लागू नहीं किए जाने की वजह से भूपेश बघेल के नाराज होने की चर्चा है। इस बैठक में राजस्थान में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर में तय की गई बातों के लागू किए जाने पर भी फोकस रहा। बता दें कि मुख्यमंत्री ने समन्वय समिति की बैठकों में होने वाले फैसलों पर अमल नहीं होने पर गहरी नाराजगी जाहिर की। CM ने यहां तक कह दिया कि ऐसा रहा तो बैठक में ही नहीं आऊंगा। हालांकि छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा था कि मुख्यमंत्री होने के नाते CM भूपेश बघेल को सुझाव देने का अधिकार हैं, उसे नाराजगी क्यों समझा जाए। (Chhattisgarh Congress)

ED ने राहुल गांधी से भी की थी पूछताछ

कांग्रेस पार्टी राहुल के बाद अब सोनिया गांधी से पूछताछ का भी विरोध करेगी। दरअसल, नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ED ने समन जारी किया है, जिसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। ये विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार के खिलाफ 21 जुलाई को होने जा रहा है। बता दें कि ED की ओर से इस मामले में राहुल गांधी को भी नोटिस भेजा गया था। राहुल गांधी ED के कार्यकाल में 30 घंटे से ज्यादा समय बिता चुके हैं, जहां उनसे ED ने नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े कई अलग-अलग सवाल पूछे। इस दौरान कांग्रेस के नेताओं ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस एक बार फिर ED के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। इसके लिए 21-22 जुलाई की तारीख तय की गई है। यह तारीख इसलिए कि 21 जुलाई को ही ED ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है। उनसे नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ की जानी है। शनिवार को राजीव भवन में हुई बैठक के दौरान इसकी रणनीति बनी। 21 जुलाई को ED के विरोध में प्रदर्शन रायपुर में और 22 जुलाई को जिला मुख्यालयों में होगा।

तबीयत खराब होने की वजह से नहीं हो पाई पूछताछ

बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मोदी सरकार विपक्ष के नेताओं के दमन के लिये ED, IT का दुरुपयोग कर रही है। राहुल गांधी के बाद अब सोनिया गांधी को परेशान करने के उद्देश्य से ED का समन भेजा गया है। कांग्रेस पूरे देश में इसका पुरजोर विरोध करेगी। कांग्रेस के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, विधायक, मंत्री, सांसद इस कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया ने कहा कि सभी को ED का पुरजोर विरोध करना है। बता दें कि सोनिया गांधी तबीयत खराब होने की वजह से पहले ED के कार्यालय नहीं जा सकी थीं, उन्हें 8 जून को पेश होने के लिए समन भेजा गया था, लेकिन उस वक्त सोनिया गांधी कोरोना संक्रमित थीं और अस्पताल में भर्ती थीं। ED सोनिया गांधी और राहुल गांधी का बयान इस पूरे मामले में दर्ज करना चाहती है। पिछले महीने राहुल गांधी से कई बार ED ने पूछताछ की थी।

Related Articles

Back to top button