Chhattisgarh Koriya Bhukamp: छत्तीसगढ़ में तीसरी बार भूकंप के झटके, 5 सेकेंड में 2 बार हिली धरती

Chhattisgarh Koriya Bhukamp: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिएक्टर स्केल पर इसकी क्षमता 3.0 थी। नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी की तरफ से बाद में बताया गया है कि यह भूकंप 3.0 तीव्रता का था, जिसका सेंटर सूरजपुर जिले का उमेश्वरपुर के आस-पास 10 किलोमीटर की गहराई पर था। पहले प्राइवेट साइटों ने दावा किया था कि इस भूकंप के झटके की तीव्रता 4.7 थी। इससे 6 दिन पहले दूसरी बार बैकुंठपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उसके पहले 11 जुलाई को 4.3 तीव्रता का झटका आया था। उस समय जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। तब भी दो सेकेंड के लिए ही झटके लगे थे और केंद्र बैकुंठपुर से पश्चिम-उत्तर दिशा में 16 किमी दूर और जमीन से 10 किमी अंदर था। इससे पहले 16 मार्च को भी अंबिकापुर संभाग में भूकंप के झटके महसूस किये गए थे। तब रिक्टर पैमाने पर 3.1 तीव्रता के भूकंप मापा गया था।

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 ये तीसरी बार है जब कोरिया जिले में भूकंप के झटके महससू किए गए। 6 दिन पहले चरचा कालरी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस हुए गए थे। महज 2 सेकेंड के लिए आए इस झटके का पता ज्यादातर लोगों को नहीं चला। झटकों की वजह से चरचा अंडर ग्राउंड कोल माइंस में गोफ गिर गया। इस दौरान 15 मजदूर काम कर रहे थे। भागते समय 5 मजदूर घायल हो गए। इनमें से तीन मजदूरों को अपोलो अस्पताल रेफर किया गया है। इस दौरान माइंस में एक दर्जन से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस श्रेणी के भूकंप से क्षति का अंदेशा रहता है। दरअसल, नर्मदा-सोन भ्रंश और तातापानी भ्रंश के आसपास के क्षेत्र में प्लेट टेक्टोनिक गतिविधियां होती रहती हैं। इसके कारण भूकंप के झटके लग रहे हैं। भूकंप आने के पीछे इस बार भी यही कारण माना जा रहा है। आपदा प्रबंधन भारत सरकार एवं भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा अंबिकापुर और उत्तरी छत्तीसगढ़ को भूकंप ग्रसित क्षेत्र में दर्शाया गया है, हालांकि इसे कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है, लेकिन इस बार भूकंप की तीव्रता ने सबको चौंकाया है। (Chhattisgarh Koriya Bhukamp)

जान-माल का कोई नुकसान नहीं

बता दें कि इससे पहले कोरिया जिले में ही 11 जुलाई को 4.3 तीव्रता का झटका आया था। उस समय जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। तब भी दो सेकेंड के लिए ही झटके लगे थे और केंद्र बैकुंठपुर से पश्चिम-उत्तर दिशा में 16 किमी दूर और जमीन से 10 किमी अंदर था। वहीं 16 मार्च को भी सरगुजा संभाग में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब रिक्टर पैमाने पर 3.1 तीव्रता के भूकंप मापा गया था। 2 दिसंबर 2021 को सुबह 9.30 बजे 3.4 तीव्रता के झटके आए थे। 11 अप्रैल 2021 की दोपहर 12.52 बजे उत्तर व मध्य छत्तीसगढ़ में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़ और मरवाही तथा मध्यप्रदेश के अनूपपुर में महसूस किए गए थे। तब भूकंप का केंद्र शहडोल था। जिले के चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ में 22 फरवरी 2019 में दोपहर करीब 1 बजे 3.5 तीव्रता के झटके महसूस हुए थे। 2 सितंबर 2018 को भी भूकंप के झटके लगे थे। छत्तीसगढ़ में भूकंपीय गतिविधि की जो दर है, वह बहुत कम है। वजह ये है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्से में भूगर्भ में बेहद सख्त आग्नेय चट्टानें हैं। सिर्फ उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से भूगर्भीय संरचना के कारण संवेदनशील हैं। यहां 2-3 तीव्रता वाले भूकंप आते रहे हैं।  (Chhattisgarh Koriya Bhukamp)

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