छत्तीसगढ़ : बड़े काम की है गोबर से बनी चप्पल, बीपी-शुगर कंट्रोल करने के साथ ही हैं कई फायदे, पढ़े पूरी खबर

रायपुर: Cow Dung Slippers Can Control BP and Sugar प्रदेश में इन दिनो गोबर से बनी चप्पल चर्चा का विषय बनी हुई है। वजह है इसका स्वास्थ लाभ, चप्पल पहनने से बीपी और शुगर कंट्रोल करने में सकारात्मक लाभ मिल रहा है। गोबर से बने इन विशेष चप्पलों को गोठानों में तैयार किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ : बड़े काम की है गोबर से बनी चप्पल, बीपी-शुगर कंट्रोल करने के साथ ही हैं कई फायदे, पढ़े पूरी खबर
गोबर से बनी चप्पल

Cow Dung Slippers Can Control BP and Sugar रायपुर में गोबर से बनी चप्पल लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। गोकुल नगर निवासी रितेश अग्रवाल प्लास्टिक या रबर की जगह गोबर से चप्पल बनाने का काम कर रहे हैं। रितेश अग्रवाल ने बताया की राज्य सरकार ने गौठान बनाकर सड़को पर लावारिस घूमने वाले गौवंश को संरक्षित कर रही है। साथ ही अब वैदिक पद्धति से गोबर से चप्पल बनाकर वो गोठान के लक्ष्य को एक नया रूप दे रहे हैं।

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गोहार गम, आयुर्वेदिक जड़ी-बुटियां, चूना और गोबर पाउडर को मिक्स करके चप्पल बनाई जा रहा है। पुरानी पद्धति से गोबर की चप्पल बना रहे हैं। गोबर के दीए हो या गोबर की ईंट या फिर भगवान की प्रतिमा इन सब काम से गौशाला में गौवंश के देखरेख के लिए 15 लोगों को रोजगार मिल रहा है। यहां महिलाएं 1 किलो गोबर से 10 चप्पलें बनाती हैं।चप्पल को घर, बाहर या ऑफिस कहीं भी पहनकर जाया जा सकता है। ये चप्पल 3 से 4 घंटे भीगने पर भी खराब नहीं होती है यदि कुछ भीग जाए तो धूप दिखाने के बाद वापस से पहनने लायक हो जाती है।

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इन चप्पलों को बीपी और शुगर कंट्रोल करने के लिए सैंपल के तौर पर बनाया गया था। इस चप्पल से होने वाले स्वास्थ्य लाभ को जानने के लिए रोजाना चप्पल पहनने और उतारने के समय पर बीपी और शुगर नोट करने को कहा है,जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इस चप्पल की कीमत 400 रूपए है और अभी तक लगभग एक दर्जन चप्पल बिक चुकी है और 1000 का ऑर्डर मिल चुका है। रोजगार के साथ-साथ इनोवेशन के इस तरह की खबरों ने गोठान योजना को नई दिशा दी है।

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