लोकसभा में पेश हुआ दिल्ली अध्यादेश बिल, सदन में विपक्षी नेताओं ने लगाए शेम-शेम के नारे
Delhi Ordinance Bill: संसद के मानसून सत्र के 9वें दिन आखिरकार दिल्ली अध्यादेश बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिल्ली में अफसरों की पोस्टिंग-ट्रांसफर पर नियंत्रण से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस पर सदन में विपक्षी नेताओं ने जमकर हंगामा किया। साथ ही शेम-शेम के नारे लगाए। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये बिल संविधान का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलने की कोशिश है। इस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है।
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 लोकसभा में पेश किया गया। pic.twitter.com/tymJTgij2P
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2023
शाह ने कहा कि संविधान संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने की अनुमति देता है। बिल के खिलाफ जो बयान दिए जा रहे हैं, वो सिर्फ राजनीतिक हैं। उनका कोई आधार नहीं है। इस बिल का नाम गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) बिल 2023 (GNCT) है। बता दें कि 25 जुलाई को इस अध्यादेश को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। इसे लेकर AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि इससे दिल्ली में लोकतंत्र ‘बाबूशाही’ में तब्दील हो जाएगा। चुनी हुई सरकार की सारी शक्तियां छीनकर BJP के नियुक्त किए गए LG को दे दी जाएंगी। (Delhi Ordinance Bill)
#WATCH संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साफ कर दिया है कि दिल्ली राज्य को लेकर संसद कोई भी कानून ला सकती है। सारी आपत्ति राजनीतिक है। कृपया मुझे यह बिल लाने की अनुमति दें: लोकसभा में GNCT (संशोधन) विधेयक… pic.twitter.com/T2KNDEm0i7
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दरअसल, केंद्र ने 19 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश में उसने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को मिला था। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं अपने आदेश के पैरा 95 में उल्लेख किया है कि कुछ स्पष्टीकरण के लिए संसद एक कानून बना सकती है और वह वही कर रही है। गैर-भाजपा सदस्य पिनाकी मिश्रा (बीजेडी सांसद) द्वारा दिया गया जवाब विपक्षियों पर जोर का थप्पड़ है। (Delhi Ordinance Bill)
#WATCH सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं अपने आदेश के पैरा 95 में उल्लेख किया है कि कुछ स्पष्टीकरण के लिए संसद एक कानून बना सकती है और वह वही कर रही है। गैर-भाजपा सदस्य पिनाकी मिश्रा (बीजेडी सांसद) द्वारा दिया गया जवाब विपक्षियों पर जोर का थप्पड़ है: बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, दिल्ली pic.twitter.com/y17WChrIIJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2023
दिल्ली सेवा विधेयक पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विपक्ष के तर्क निराधार हैं…वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं…दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए केंद्र की प्रधानता है…असल में विपक्ष के पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है इसलिए वे लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि संसद में दिल्ली (NCT) अध्यादेश विधेयक का संक्षिप्त परिचय हुआ, इस पर बहस नहीं हुई। परिचय का विरोध करना हमारा अधिकार है और विपक्ष के 5-6 सदस्यों ने इसका विरोध करने की कोशिश की। इनमें से एक पार्टी ने विपक्ष के रूप में खड़े होकर सरकार का समर्थन किया, लेकिन अन्य ने कहा कि यह अवैध है। (Delhi Ordinance Bill)
#WATCH संसद में आज दिल्ली (NCT) अध्यादेश विधेयक का संक्षिप्त परिचय हुआ, इस पर बहस नहीं हुई। परिचय का विरोध करना हमारा अधिकार है और विपक्ष के 5-6 सदस्यों ने इसका विरोध करने की कोशिश की। इनमें से एक पार्टी ने विपक्ष के रूप में खड़े होकर सरकार का समर्थन किया, लेकिन अन्य ने कहा कि यह… pic.twitter.com/wKp2fzddDV
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