PFI के बाद RSS पर भी बैन लगाने की उठी मांग, लगाया ये आरोप

Demand To Ban RSS: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगने के बाद विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS पर भी बैन लगाने की मांग शुरू कर दी है। कांग्रेस सांसद सुरेश के बाद अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मांग की है कि संघ पर भी बैन लगाया जाए। लालू ने कहा कि संघ भी पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैलाने का काम कर रही है, जो PFI की तरह ही है, इसलिए इसे भी बैन करो। इससे पहले कांग्रेस सांसद ने कहा था कि हम RSS पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। PFI पर बैन कोई उपाय नहीं है। RSS भी पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है।

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उन्होंने कहा था कि RSS और PFI दोनों समान हैं। इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। सिर्फ PFI पर ही बैन क्यों। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी 2018 में RSS के खिलाफ विवादित बयान दे चुके हैं। झाबुआ में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अभी तक जितने भी हिंदू आतंकी सामने आए हैं, सब RSS से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा था कि संघ के खिलाफ जांच की जाए और फिर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं PFI पर बैन लगने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया है। सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा बाय बाय PFI। असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा- मैं भारत सरकार की ओर से PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं। (Demand To Ban RSS)

CM ने कहा कि सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन से सख्ती से निपटा जाएगा। बता दें कि 12 सितंबर को कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट से खाकी की एक निक्कर की तस्वीर शेयर की। इसमें लिखा कि देश को नफरत से मुक्त कराने में 145 दिन बाकी हैं। हालांकि संघ ने भी इसका तुरंत विरोध किया और संगठन के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा था कि इनके बाप-दादा ने संघ का बहुत तिरस्कार किया, लेकिन संघ रुका नहीं। भारत में आजादी के बाद 3 बार बैन लग चुका है। (Demand To Ban RSS)

बता दें कि पहली बार 1948 में गांधी जी की हत्या के बाद बैन लगा था। यह प्रतिबंध करीब 2 सालों तक लगा रहा। संघ पर दूसरा प्रतिबंध 1975 में लागू आंतरिक आपातकाल के समय लगा। आपातकाल खत्म होने के बाद बैन हटा लिया गया। वहीं तीसरी बार RSS पर 1992 में बाबरी विध्वंस के वक्त बैन लगाया गया। यह बैन करीब 6 महीने के लिए लगाया गया था। RSS की स्थापना साल 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी।

संघ में सर संघचालक सबसे प्रमुख होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक करोड़ से ज्यादा प्रशिक्षित सदस्य हैं। संघ परिवार में 80 से ज्यादा समविचारी या आनुषांगिक संगठन हैं। दुनिया के करीब 40 देशों में संघ सक्रिय है। मौजूदा समय में संघ की 56 हजार 569 दैनिक शाखाएं लगती हैं। करीब 13 हजार 847 साप्ताहिक मंडली और 9 हजार मासिक शाखाएं भी हैं। संघ में सर कार्यवाह पद के लिए चुनाव होता है। संचालन की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है। कांग्रेस लगातार RSS को टारगेट करते आई है। (Demand To Ban RSS)

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