डेस्क न्यूज: कोरोना के कारण भारत सरकार ने विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी। कोरोना का प्रभाव कम होने पर सरकार ने कुछ विमानों को चालू की थी। लेकिन, सभी नहीं। कोरोना महामारी की वजह से विमानन उद्योग पर काफी असर पड़ा है। लॉकडाउन के चलते कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले साल विमान सेवाओं का संचालन रोक दिया गया था।
कई महीने तक सेवा बंद रहने के बाद घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू तो हुईं, लेकिन यात्री संख्या को 50 फीसदी कर दिया गया था। अब नागरिक विमानन मंत्रालय ने कोरोना महामारी के बाद घरेलू उड़ानों पर लगाई पाबंदी में राहत दे दी है। 18 अक्तूबर से घरेलू व्यावसायिक उड़ानों में यात्रियों की क्षमता को लेकर लागू पाबंदियां हटा ली जाएंगी। इससे उड़ानों का संचालन पूरी क्षमता से किया जा सकेगा।
100 फीसदी विमान का होगा संचालन
सितंबर में सरकार ने घरेलू उड़ानों की यात्री क्षमता 72.5 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी कर दी थी। अब अगले सोमवार से शत प्रतिशत क्षमता के साथ देश में उड़ानों का संचालन किया जा सकेगा। यानी अब घरेलू उड़ानों में पहले की तुलना में अधिक यात्री सफर कर सकेंगे।
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पूर्ण यात्री क्षमता से उड़ानों के संचालन की इजाजत देने के साथ ही मंत्रालय ने एयर लाइंस व एयरपोर्ट आपेरटरों से यह भी कहा है कि वे कोविड-19 को फैलने से रोकने के उपाय सुनिश्चित करें और यात्रा के दौरान कोविड अनुकूल व्यवहार का कठोरता से पालन कराएं।
15 दिनों का किराया तय करेगी सरकार
केंद्र सरकार ने पिछले माह यानी सितंबर में एयरलाइंस कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए महीने में 15 दिनों का किराया अपने अनुसार तक करने की छूट दे दी थी। बचे 15 दिनों का किराया उन्हें सरकार द्वारा तय किए गए प्राइस बैंड के अनुसार ही लेना होगा।
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किराए के प्राइस बैंड के तहत सरकार अब तक सबसे कम और सबसे ज्यादा किराए की लिमिट तय कर रही थी, लेकिन अब इसमें छूट दी गई है। अब सरकार महीने में 15 दिन ही यह लिमिट तय करेगी, जबकि बाकी 15 दिनों तक एयरलाइंस कंपनियां इसे अपने हिसाब से तय कर सकेंगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सितंबर में घरेलू विमान में यात्री क्षमता को 72.5 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया था। 18 अक्तूबर से 100 फीसदी क्षमता से उड़ानों के संचालन की इजाजत दे दी गई है।