मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से की मुलाकात, राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने का किया अनुरोध

व्यापार एवं उद्योग जगत को मिलेगा बढ़ावा,छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्य भी होंगे लाभान्वित

रायपुर : छत्तीसगढ़़ स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मंगलवार को केन्द्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग नितिन एम. गडकरी से नई दिल्ली स्थित निवास में मुलाकात की। मंत्री डॉ. टेकाम ने केन्द्रीय मंत्री गडकरी से अम्बिकापुर से बनारस राज्यमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) का दर्जा देने का अनुरोध किया है।

मंत्री डॉ. टेकाम ने केन्द्रीय मंत्री नितिन एम. गडकरी से मुलाकात के दौरान सर्वे रिपोर्ट सौंपी। इस सर्वे रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़)-धनवार-बनारस (उत्तर प्रदेश) मार्ग छत्तीसगढ़ अंतर्गत कुल लम्बाई 110.60 किलो मीटर है। यह मार्ग (National Highway) छत्तीसगढ़ के सरगुजा, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिलों को उत्तर प्रदेश से जोड़ता है। उन्होंने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि यह मार्ग अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण मार्ग है, जो छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश होते हुए सीधे दिल्ली से जुड़ता है। व्यवसायिक दृष्टिकोण से यह मार्ग अत्यंत ही व्यस्ततम मार्ग हैं, छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश तक सब्जियों, खनिज, खनिज उत्पादन, रोजमर्रा की वस्तुएं आदि का परिवहन अत्यधिक मात्रा में होता है। इस मार्ग में अनेक छोटे-बड़े पुल-पुलिया, घाट, खतरनाक मोड़ आदि हैं। इस मार्ग पर यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है। अतः इस मार्ग के यातायात को सुगम बनाये जाने की दृष्टि से अंबिकापुर-धनवार-बनारस को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जाना अत्यंत ही आवश्यक है।

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यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बनारस पूरे भारतवासियों की धार्मिक आस्था का एक बहुत ही बड़ा केन्द्र है। अंबिकापुर-धनवार-बनारस मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) बनने से छत्तीसगढ़, झारखंड तथा बिहार जैसे राज्यों के आसपास के इलाके इससे लाभान्वित होंगे। इस मार्ग की वर्तमान ट्रैफिक सर्वे 20 जून 2022 से 26 जून 2022 तक कुल 7 दिनों में 2394 कार, जीप, वैन और तिपहिया वाहन, 198 स्कूटर मोटर सायकल, 345 बस एवं मिनी बस, 1767 ट्रकें, 6548 ट्रेक्टर ट्राली सहित, 196 सायकल और 1904 घोड़ा गाड़ी-बैलगाड़ी का आवागमन हुआ। इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाने से छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य पड़ोसी राज्यों को भी लाभ मिलेगा।

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