EPFO News: EPFO में 15 लाख 32 हजार सदस्य बढ़े, जानिए इससे आप पर क्या होगा असर ?

EPFO News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने मार्च 2022 में शुद्ध रूप से 15 लाख 32 हजार नए सदस्य जोड़े हैं, जो इस साल फरवरी के 12.85 लाख सदस्यों की तुलना में 19 प्रतिशत ज्यादा है। श्रम मंत्रालय ने कहा कि अनंतिम EPFO पेरोल डेटा के मुताबिक मार्च 2022 में शुद्ध रूप से 15.32 लाख सदस्य बढ़े। श्रम विभाग के मुताबिक मासिक आधार पर फरवरी 2022 के मुकाबले मार्च 2022 में सदस्यों की संख्या 2.47 लाख अधिक बढ़ी।

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मार्च के दौरान जोड़े गए कुल 15.32 लाख शुद्ध सदस्यों में से लगभग 9.68 लाख नए सदस्यों को पहली बार EPFO और MP अधिनियम के प्रावधानों के तहत शामिल किया गया है। फरवरी की तुलना में मार्च 2022 में नए सदस्यों की संख्या (EPFO News) में 81 हजार 327 की बढ़ोतरी हुई। दूसरी ओर लगभग 5.64 लाख सदस्य योजना से बाहर निकले, लेकिन EPFO के तहत आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए। इन लोगों ने अपने खातों से अंतिम निकासी का विकल्प चुनने की जगह अपने फंड को पिछले PF खाते में स्थानांतरित कर दिया।

पेरोल डेटा की उम्र-आधारित तुलना से पता चला कि मार्च 2022 के दौरान सबसे अधिक शुद्ध (EPFO News) नामांकन 22-25 साल के आयु वर्ग में हुआ। इसके बाद 29-35 आयु वर्ग का स्थान रहा। पेरोल डेटा की राज्यों के मुकाबले तुलना करें तो महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली अग्रणी बने हुए हैं। मार्च 2022 के दौरान कुल शुद्ध सदस्यों की संख्या में महिला नामांकन का हिस्सा 22.70 फीसदी है।

भारत में कर्मचारी भविष्य निधि की शुरुआत

कर्मचारी भविष्य निधि सरकारी और निजी क्षेत्रों में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए बचत का एक प्रमुख साधन है। इसकी शुरुआत 15 नवंबर 1951 को कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश के आने के बाद हुई थी। इसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 पारित (EPFO News) किया गया, जो अब कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 के नाम से जाना जाता है। ये अधिनियम जम्मू और कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों समेत केंद्र-शासित प्रदेशों में लागू है। कर्मचारी भविष्य निधि विधेयक साल 1952 में संसद में पेश किया गया था। ये उस साल का 15वां विधेयक था, जिसमें अब तक 15 बार संशोधन किया जा चुका है।

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