लोकसभा में तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल पास, नाबालिग से दुष्कर्म और मॉब लिंचिंग पर होगी फांसी की सजा

New Criminal Law Bill: संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा में पेश किए, जो लोकसभा से पास हो गए हैं। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा, जहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। तीनों बिल को पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों के समय का राजद्रोह कानून खत्म किया गया है। नाबालिग से रेप और मॉब लिंचिंग जैसे क्राइम में फांसी की सजा दी जाएगी।

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उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं। Indian Penal Code जो 1860 में बना था, उसका उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना ही था। उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में अमल में आएगी। CrPc की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी। वहीं Indian Evidence Act 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा। (New Criminal Law Bill)

शाह ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए। तत्कालीन कानून विदेशी शासकों द्वारा अपना वर्चस्व बनाए रखने में मदद के लिए बनाए गए थे। नए कानून हमारे संविधान के मूल मूल्यों- व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सभी के लिए समान व्यवहार को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। लेकिन मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी सालों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए। (New Criminal Law Bill)

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून लेकर आयी मोदी सरकार। मॉब लिंचिंग की घटनाओं में आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है। आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। पहली बार भारतीय न्याय संहिता में आतंकवाद की व्याख्या दी गई है। राजद्रोह जैसे अंग्रेजों के काले कानूनों का नए भारत में सफाया हुआ। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है। (New Criminal Law Bill)

अमित शाह ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध पर अब कोई समझौता नहीं होगा। राज्य का सबसे पहला कर्तव्य न्याय होता है। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका… लोकतंत्र के तीन स्तंम्भ हैं। हमारे संविधान निर्माताओं ने देश को मजबूत प्रशासन देने के लिए इन तीनों के बीच काम का बंटवारा किया। आज पहली बार ये तीनों मिलकर देश को दंड केंद्रित नहीं, न्याय केंद्रित क्रिमिनल सिस्टम देंगे। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से नए भारत की कानून व्यवस्था अत्याधुनिक होगी। पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब मोदी जी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं। 150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने का मुझे गर्व है। कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें नहीं समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा, लेकिन अगर मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा। (New Criminal Law Bill)

उन्होंने कहा कि ये अंग्रेजों का शासन नहीं है, ये कांग्रेस का शासन नहीं है, ये भाजपा और नरेन्द्र मोदी का शासन है…. यहां आतंकवाद को बचाने की कोई दलील काम नहीं आएगी। हमने कहा था कि हम धारा 370 और 35-A हटा देंगे, हमने हटा दिया। हमने वादा किया था, आतंकवाद को समाप्त कर देंगे, जीरो टॉलरेंस की नीति बनाएंगे और सुरक्षा कर्मियों को फ्री हैंड देंगे, हमने दिया। हमने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे और अब 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। ये नरेन्द्र मोदी की सरकार है, जो कहती है-वो करती है। विकसित भारत में फॉरेंसिक का बेहतर उपयोग होगा। नागरिक सुविधा मोदी सरकार की प्राथमिकता है। घोषित अपराधियों पर सख्त कानूनी हंटर चलेगा। मोदी सरकार में देश की कानूनी प्रक्रियाएं अब  सरल होंगी।  (New Criminal Law Bill)

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