Har Ghar Tiranga : सांसदों की बाइक रैली के साथ हर घर तिरंगा 2.0 कैंपेन लॉन्च

Har Ghar Tiranga :  आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पिछले साल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया “हर घर तिरंगा” अभियान इस साल संसद सदस्यों की दिल्ली में एक बाइक रैली के साथ फिर से शुरू हुआ. जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सांसद और मंत्री अपनी बाइक पर तिरंगे झंडे लेकर प्रगति मैदान में जुटे. बाइक रैली को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज सुबह करीब 8 बजे इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

बाइक रैली इंडिया गेट सर्किल पर पहुंची. इसके बाद यह इंडिया गेट परिसर के चारों ओर एक चक्कर लगाते हुए, कर्तव्य पथ को पार करते हुए मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में समाप्त हुई. हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोगों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. जिसे 13 अगस्त से 15 अगस्त तक देश भर में “आजादी का अमृत महोत्सव”  (Har Ghar Tiranga) के हिस्से के रूप में मनाया जाएगा. आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर सरकार की तरफ ये पहल की जा रही है.

यह भी पढ़े :- सैर पर निकले बीजेपी नेता की घर के बाहर गोली मारकर हत्या, पढ़ें पूरी खबर

पिछले साल यह अभियान ज़बरदस्त सफल रहा था, जिसमें करोड़ों परिवारों ने अपने घरों पर तिरंगा फहराया था और छह करोड़ लोगों ने हर घर तिरंगा वेबसाइट पर सेल्फी अपलोड की थी. संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि सरकार की इस पहल का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम और इस देश द्वारा हासिल किए गए मील के पत्थर पर ध्यान केंद्रित करना है. इस अभियान के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और भारत की यात्रा और इस महान राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने वालों को याद दिलाना है.

पिछले साल, इस अभियान को अपार सफलता मिली, जिसमें करोड़ों परिवारों ने अपने घरों पर ‘तिरंगा’ फहराया गया और छह करोड़ लोगों ने ‘हर घर तिरंगा’ (Har Ghar Tiranga) वेबसाइट पर सेल्फी अपलोड कीं. सरकार ने पहले कहा था कि इस साल, इंडिया पोस्ट ‘हर घर तिरंगा’ अभियान मनाने के लिए अपने 1.6 लाख डाकघरों के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज बेच रहा है और सुविधा प्रदान कर रहा है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले साल नागरिकों से 2 अगस्त से 15 अगस्त के बीच सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी प्रोफ़ाइल तस्वीर के रूप में ‘तिरंगा’ का उपयोग करने का आग्रह किया था.

इससे पहले, भारतीय नागरिकों को चुनिंदा अवसरों को छोड़कर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं थी. उद्योगपति नवीन जिंदल की एक दशक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 23 जनवरी, 2004 के ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह बदलाव आया, जिसमें घोषित किया गया कि सम्मान और गरिमा के साथ स्वतंत्र रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार एक भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है.

Related Articles

Back to top button