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Power cuts: विपक्ष ने कोयले की कमी के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

Power cuts: बढ़ती गर्मी के बीच विभिन्न राज्यों में शुक्रवार को भी बिजली कटौती (Power cuts) जारी रही, जबकि विपक्षी दलों ने ताप संयंत्रों में कोयले की कमी के लिए केंद्र को दोषी ठहराया। देश की पीक बिजली की मांग शुक्रवार को 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई, जबकि रेलवे ने कोयले की ढुलाई बढ़ाने के लिए 42 यात्री रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया।

अखिल भारतीय स्तर पर बिजली की मांग या एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति शुक्रवार को 2,07,111 मेगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘बिजली की अखिल भारतीय मांग शुक्रवार को दोपहर 14:50 बजे तक 2,07,111 मेगावॉट तक पहुंच गई, जो अब तक का सबसे उच्च स्तर है।’’ इससे पहले, बृहस्पतिवार को बिजली की मांग 2,04,650 मेगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थी।

देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली संकट के मद्देनजर कोयला माल ढुलाई बढ़ाने के लिए रेलवे ने अब तक 42 यात्री रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है। इसके चलते छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे कोयला उत्पादक राज्यों से आने-जाने वाले लोगों को असुविधा हो रही है।

कोयला उत्पादक क्षेत्रों वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) डिवीजन ने 34 यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है। दूसरी ओर उत्तर रेलवे (एनआर) ने आठ रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है, जो उत्तर भारत में कई बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति करता है।

राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी के कहर के बीच शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन बिजली की अधिकतम मांग छह हजार मेगावाट के स्तर को पार कर गई। बिजली विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को अपराह्न तीन बजकर 31 मिनट पर बिजली की मांग 6,197 मेगावाट दर्ज की गयी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई राज्यों में बिजली की भारी कटौती को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या उन्हें देश और जनता की फिक्र नहीं है।

उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘20 अप्रैल 2022 को मैंने मोदी सरकार से कहा था कि नफ़रत का बुलडोज़र चलाना बंद करें और देश के बिजली संयंत्र शुरू करें। आज कोयला और बिजली संकट से पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘फ़िर कह रहा हूं – यह संकट छोटे उद्योगों को ख़त्म कर देगा, जिससे बेरोज़गारी और बढ़ेगी। छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सकते। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की ज़िंदगी दांव पर है। रेल, मेट्रो सेवा ठप होने से आर्थिक नुकसान होगा।’’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बिजली संकट को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भीषण गर्मी के बीच अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश की जनता झुलस रही है।

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कोयले की “भीषण कमी” को रेखांकित करते हुए दावा किया कि कई बिजली संयंत्रों में सिर्फ एक दिन का भंडार बचा है और राष्ट्रीय राजधानी में विद्युत आपूर्ति बाधित (Power cuts) होने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि हालात को किसी तरह संभाला जा रहा है।

इसबीच एनटीपीसी ने एक ट्वीट में कहा, “वर्तमान में ऊंचाहार और दादरी स्टेशन, ग्रिड को 100% से अधिक रेटेड क्षमता की घोषणा कर रहे हैं। ऊंचाहार में इकाई- 1 को छोड़कर ऊंचाहार और दादरी की सभी इकाइयां पूरे लोड पर चल रही हैं। ऊंचाहार की इकाई-1 में वार्षिक नियोजित रखरखाव का काम चल रहा है।”

दिल्ली को दादरी-द्वितीय, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर संयंत्रों से प्रतिदिन 1751 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है। दिल्ली सरकार ने पहले कहा था कि दादरी-द्वितीय बिजली स्टेशन से राजधानी को अधिकतम 728 मेगावाट की आपूर्ति मिलती है, जबकि ऊंचाहार स्टेशन से इसे 100 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है।

बिजली इंजीनियरों के संगठन ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने दावा किया कि रेलवे और विद्युत मंत्रालयों के बीच तालमेल के अभाव से कोयले की कमी हुई। एआईपीईएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘कोयला की कमी के कारण देश भर में बिजली कटौती की वजह कोयला मंत्रालय, रेल मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय के बीच तालमेल की कमी है। हर मंत्रालय दावा कर रहा है कि वे बिजली क्षेत्र में मौजूदा गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।’’

विभिन्न किसान समूहों ने कृषि क्षेत्र को कथित रूप से अपर्याप्त बिजली आपूर्ति के खिलाफ शुक्रवार को यहां पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह के आवास के निकट विरोध प्रदर्शन किया। मंत्री के न्यू अमृतसर क्षेत्र में स्थित घर के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

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