2000 Currency Note – RBI गवर्नर का बड़ा बयान, कहा – बैंक की ओर न भागें, आपके पास 4 महीने हैं
2000 Currency Note : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 रुपये के नोट को वापस लिये जाने के संबंध में कहा कि यह ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत किया जा रहा है. उन्होंने सोमवार को दिए बयान में कहा, “मैं एक बार फिर आप लोगों को बता दूं कि यह रिजर्व बैंक की करेंसी मैनेजमेंट प्रणाली का हिस्सा है.” उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक क्लीन नोट पॉलिसी का अनुसरण कर रहा है. समय-समय पर आरबीआई किसी एक सीरीज के नोट को चलन से बाहर कर देता है और उसकी जगह नए नोट जारी करता है.
गवर्नर ने कहा कि आरबीआई एक्ट की धारा 27 के तहत रिजर्व बैंक ऐसे नोट जारी नहीं कर सकता जो बहुत खराब स्थिति में हों. उन्होंने कहा, “इसी धारा के तहत रिजर्व बैंक बहुत लंबे समय से क्लीन नोट पॉलिसी का अनुसरण कर रहा है. इसलिए रिजर्व बैंक समय-समय पर किसी खास सीरीज के नोट को चलन से बाहर करके उनकी जगह नए नोट जारी कर देता है.” उन्होंने कहा कि आम बैंकिंग प्रणाली में भी जो नोट खराब हो जाते हैं उन्हें वापस कर दिया जाता है और उसकी जगह फ्रेश नोट जारी होते हैं. (2000 Currency Note )
#WATCH | #Rs2000CurrencyNote | RBI Governor Shaktikanta Das says, "Let me clarify and re-emphasise that it is a part of the currency management operations of the Reserve Bank…For a long time, the Reserve Bank has been following a clean note policy. From time to time, RBI… pic.twitter.com/Rkae1jG0rU
— ANI (@ANI) May 22, 2023
पहले भी हो चुका है ऐसा
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि ऐसा पहले भी किया जा चुका है. उन्होंने कहा, “इसी तरह से 2013-14 में उन नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था जो 2005 से पहले छापे गए थे. उस समय भी लोगों को बैंक आकर नोट बदलने का सुझाव दिया गया था. इसी तरह से इस बार 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर किये जा रहे हैं लेकिन यह अमान्य नहीं होंगे.
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क्यों लाए गए और क्यों हटाए गए
2000 रुपये के नोट क्यों लाए गए थे इस सवाल के जवाब में दास ने कहा कि ये पैसा की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता लाने के लिए लाया गया था। तब 500-1000 के नोट हटाए गए थे और बाजार में नोटों का अभाव हो गया था। अब इसे क्यों हटाया जा रहा है के सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2000 रुपये के नोट हायर वैल्यू ऑफ करेंसी थी। धीरे-धीरे इसका सर्कुलेशन 50 प्रतिशत से नीचे आ गया। बाद में इसकी प्रिंटिंग रोक दी गई थी। इन नोटों का लाइफ साइकिल भी पूरा हो चुका था।
30 सितंबर तक का समय क्यों
करेंसी मैनेजमेंट एक प्रक्रिया के तहत की जाती है। इसमें 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय दिया गया है। तारीख इसलिए दी गई है ताकि लोग इसे गंभीरता से लें। शक्तिकांत दास ने कहा कि लोग बैंकों में दौड़कर न जाएं। आराम से बैंक जाएं, अपना समय लें। अभी चार महीने हैं। हम देखेंगे के कितने नोट वापस आए। हम बैंकों के जरिए यह मॉनिटर कर रहे हैं। (2000 Currency Note )