
Resignation Demand to Vaishnav: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्री अपनी विफलताओं के लिए नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेते। पिछले 2 महीनों में 4 मालगाड़ियां पटरी से उतर गईं। 14 लोग मारे गए और कई घायल हुए, लेकिन इसके बावजूद रेल मंत्री ने कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं ली और विपक्ष को धमकाने की कोशिश की। पिछले साल बालासोर में करीब 300 लोग मारे गए। पिछले 1-2 सालों में रेल दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है, लेकिन रेल मंत्री रील बनाने में व्यस्त हैं।
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सांसद गोगोई ने कहा कि अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री नहीं, बल्कि ‘रील मंत्री’ हैं, ‘डिरेलमेंट मंत्री’ हैं, जो दुर्घटनाएं हो रही हैं उसके आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन भाजपा की परंपरा है कि कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता। अश्विनी वैष्णव का पूरा बयान संतोषजनक नहीं था और वह लोगों के प्रति जवाबदेही से भाग गए, यही कारण है कि INDIA गठबंधन की पार्टियों ने वॉकआउट किया। अश्विनी वैष्णव अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं। आत्ममंथन करिए आपको खुद समझ आएगा कि आपको पद पर रहना चाहिए या इस्तीफा देना चाहिए। (Resignation Demand to Vaishnav)
विपक्ष काफी मजबूत हो गया: सांसद प्रियंका चतुर्वेदी
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा जैसे प्रदेश में 10 सालों में 1 इंच भी रेल लाइन नहीं बिछी, जिन्होंने रेल लाइन नहीं बिछवाई वह रील की बात कर रहे हैं। उनका यह वक्तव्य अहंकार का प्रतीक था, हम इसकी निंदा करते हैं। शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि PM मोदी के रील मंत्री इसलिए भड़क गए क्योंकि उनसे जवाबदेही मांगी गई। NDA 1.O को लगा कि उनसे जवाबदेही नहीं मांगी जाएगी। वे भूल गए कि अब विपक्ष भी काफी मजबूत हो गया है। उन्हें आत्मचिंतन करना होगा। पिछले जो रेलवे मंत्री होते थे वे ग्लानि महसूस कर इस्तीफा देते थे। प्रचार और रील मंत्री से ऊपर उठकर वे रेल मंत्री बने और देश को जवाब दें। (Resignation Demand to Vaishnav)