Sawan Somwar Vrat: सावन का दूसरा सोमवार आज, बन रहे ये 3 शुभ संयोग

Sawan Somwar Vrat: सावन के सोमवार का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है, जिसकी शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है। सावन का महीना 12 अगस्त तक रहेगा। वहीं आज सावन महीने का दूसरा सोमवार है। सबसे खास बात ये है कि इस बार दूसरे सोमवार पर प्रदोष व्रत के साथ-साथ तीन शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है। मान्यताओं के मुताबिक प्रदोष व्रत भी भगवान शंकर को समर्पित होता है। इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि के साथ धुव्र योग बन रहा है। कहा जाता है कि सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग में किए गए कार्यों का फल शीघ्र प्राप्त होता है। इस योग में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है।

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दूसरे सोमवार को सुबह जल्दी उठ जाएं और फिर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। उसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं। सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से अभिषेक करें। उसके बाद शिवलिंग और भगवान शिव को गंगाजल और दूध चढ़ाएं। शिवजी को सफेद फूल अर्पित करें। भगवान शिव को बेलपत्र, दही, शहद, तुलसी चढ़ाएं। अब भोलेनाथ को पांच प्रकार के फल चढ़ाए और भोग लगाएं। उसके बाद शिवजी की आरती करें। पूरे दिन सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं। इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव का मंत्र जाप करें। बता दें कि सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई 2022 यानी गुरुवार से हुई। वहीं सावन सोमवार का पहला व्रत 18 जुलाई 2022, दूसरा सावन सोमवार व्रत – 25 जुलाई 2022, तीसरा सावन सोमवार व्रत – 01 अगस्त 2022, चौथा सावन सोमवार व्रत – 08 अगस्त 2022 और सावन मास का अंतिम दिन – 12 अगस्त 2022 यानी शुक्रवार को पड़ रहा है। (Sawan Somwar Vrat)

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सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्तों के द्वारा सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को सच्चे मन से रखता है भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं जल्द ही पूरा कर देते हैं। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। साथ ही ये व्रत अविवाहित युवतियों के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है। (Sawan Somwar Vrat)

सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय 

मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव को सावन का महीना बहुत प्रिय होता है। सावन के हर सोमवार को मंत्रों का जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि ऊँ नम: शिवाय का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भोलेनाथ की पूजा करने के लिए फुल, पंच फल, पंचमेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव और मां पार्वती जी की सोलह श्रृंगार के समान की जरूरत पड़ेगी। (Sawan Somwar Vrat)

दूध अर्पित करने से मिलता है आरोग्य का वरदान

मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से आरोग्य का वरदान मिलता है। दही से भोलेनाथ का अभिषेक करने पर जीवन में स्थिरता आती है। परिवार में तालमेल बना रहता है। महादेव को घी अर्पित करने से ऊर्जावान रहने में मदद मिलती है। वंश में बढ़ोतरी होती है। शिव पूजा में अक्षत का बहुत महत्व हैं। कच्चे चावल शिवलिंग पर चढ़ाने से धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है। सफेद आंक को मदार का फूल भी कहा जाता है। मान्यता है कि शिवलिंग पर ये पुष्प चढ़ाने से शिव जी को शांति मिलती है। मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। सोमवार की पूजा में शिवलिंग का सफेद चंदन से जरूर श्रृंगार करें। इससे व्यक्तित्व आकर्षक होता है। मान-सम्मान मिलता है। महादेव का चीनी से अभिषेक करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और रिश्तों में मिठास घुलती है।

जानें क्या है सावन सोमवार व्रत का महत्व

धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने सावन माह में कठोर व्रत रखे और तपस्या की। इस वजह से ऐसा माना जाता है ये महीना भगवान को अति प्रिय है। कहते हैं कि जो भक्त इस महीने में रुद्राभिषेक करते हैं, उनकी सभी तकलीफें और परेशानियों को महादेव खत्म कर देते हैं। मान्यता है कि अगर कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहे उपयुक्त जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। कुल 16 सोमवार के व्रत रखने होते हैं। इसके अलावा यदि अविवाहित पुरुष भी यह व्रत करें तो उनके विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है। भगवान शिव बेहद क्रोध वाले देवता माने जाते हैं लेकिन इसके साथ ही उन्हें सबसे जल्दी प्रसन्न और कृपा होने वाला देवता भी माने जाते हैं। सावन सोमवार पर शिव चालीसा का पाठ करने का बहुत महत्व होता है। शिव चालीसा के शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।

ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

सावन में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। सावन के सोमवार पर भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती और गणेश भगवान की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। भगवान शंकर को कनेर, बेला और चमेली का फूल बहुत प्रिय है। सावन के महीने में शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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