Trending

SBI MCLR Hike: एसबीआई ने ग्राहकों को एक महीने में दूसरी बार द‍िया झटका, महंगी होगी EMI, बढ़ेगा जेब पर बोझ

SBI MCLR Hike: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को एक बार फ‍िर झटका द‍िया है. एसबीआई (SBI) की तरफ से फ‍िर से इंटरेस्‍ट रेट बढ़ा द‍िया गया है। इस कदम से कर्ज लेने वालों के लिए ईएमआई बढ़ेगी। देश के सबसे बड़े बैंक ने एक महीने में दूसरी बार एमसीएलआर में (SBI MCLR Hike) बढ़ोतरी की है, और दोनों बार मिलाकर अब तक 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बैंक ने मार्ज‍िनल कॉस्‍ट ऑफ लेंड‍िंग रेट्स (MCLR) को 10 बेस‍िस प्‍वाइंट बढ़ाया है। ज‍िसके बाद बैंक की तरफ से ग्राहकों को म‍िलने वाला कर्ज महंगा हो जाएगा। नई दरें 15 मई से प्रभावी होंगी. इससे पहले बैंक की तरफ से अप्रैल में भी एमसीएलआर (MCLR) बढ़ाया गया था।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस महीने की शुरुआत में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद एसबीआई (SBI) की तरफ से यह बदलाव र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) की तरफ से रेपो रेट में इजाफा करने के बाद क‍िया गया है। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने रेपो रेट 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था। एसबीआई की तरफ से ब्‍याज दर बढ़ाए जाने के बाद आने वाले द‍िनों में दूसरे बैंकों का भी लोन महंगा होने की भी उम्‍मीद है। इस वृद्धि के साथ उन ग्राहकों की ईएमआई बढ़ जाएगी, जिन्होंने एमसीएलआर पर कर्ज लिया है, हालांकि अन्य मानकों से जुड़े कर्ज की ईएमआई नहीं बढ़ेगी।

यह भी पढ़ें : PM Kisan Samman Nidhi: किसानों को 31 मई तक मिल सकता है अगला किस्त, पात्र किसानों की जारी की गई सूची, इस तरह करें चेक

एसबीआई (SBI) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार संशोधित एमसीएलआर दर 15 मई से प्रभावी है। एमसीएलआर (MCLR) में इजाफा होने के बाद ऐसे ग्राहकों की ईएमआई बढ़ जाएगी, जिन्होंने एमसीएलआर पर लोन लिया है। इस बदलाव के बाद एक साल की एमसीएलआर 7.10 प्रत‍िशत से बढ़कर 7.20 प्रत‍िशत हो गई है। इससे पहले एसबीआई की तरफ से प‍िछले द‍िनों एफडी रेट बढ़ाए गए थे। ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं। एक रात, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़कर 6.85 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.15 फीसदी हो गई।

एमसीएलआर (MCLR) क्या हैं : एमसीएलआर (MCLR) एक प्रकार न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर कोई भी बैंक ऋण (उधार) दे सकता है। सामान्य भाषा में कहें तो मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा तय की गई एक पद्धति है जो कॉमर्शियल बैंक्स (Commercial Banks) द्वारा ऋण (Loan) पर ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

Related Articles

Back to top button