Article 370 हटाने को SC ने माना सही, कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश

Article 370 Verdict: सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुना रहा है है। कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने को सही माना है। कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार को जल्द चुनाव कराने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि ज्यादा देर तक होल्ड पर चुनाव को नहीं रखा जा सकता।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने केंद्र सरकार से कहा कि जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाए। चीफ जस्टिस ने इसमें देरी नहीं करने कहा है।

यह भी पढ़े :- छत्तीसगढ़ में 13 से नई सरकार, मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे विष्णुदेव साय, पीएम समेत कई सीएम होंगे शामिल

फैसले के दौरान सीजेआई ने जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव के लिए कदम उठाने को भी कहा है. चीफ जस्टिस ने कहा कि 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने चाहिए.

सीजेआई ने कहा, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की अधिसूचना देने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने का अधिकार जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए है। राष्ट्रपति द्वारा 370 निरस्त करने का आदेश संविधानिक तौर पर वैध है। फैसला सुनाते हुए सीजेआई ने कहा, आर्टिकल 370 एक अस्थाई प्रावधान था। जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जम्मू कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी।

5 अगस्त 2019 को कश्मीर से हटाया गया था अनुच्छेद 370

बता दें कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू होती ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म कर दिया था, साथ ही जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्ज समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गईं. (Article 370 Verdict)

उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई और इसी साल सितंबर में शीर्ष कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज (11 दिसंबर 2023) अनुच्छेद 370 को खत्म हुए 4 साल, 4 महीने, 6 दिन बीत गए. तब कहीं जाकर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया. (
Article 370 Verdict)

Related Articles

Back to top button