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पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी का गुरुवार को निधन हो गया। उन्होंने कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके निधन की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर दुख जताईं। उन्होंने बताया, ‘मैं यकीन नहीं कर सकती हूं कि वह अब हमारे साथ नहीं हैं। वह पार्टी के एक समर्पित नेता थे। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।’
Ailing West Bengal Panchayat Minister Subrata Mukherjee dies: Official
— Press Trust of India (@PTI_News) November 4, 2021
सुब्रत मुखर्जी के पार्थिव शरीर को कल रविन्द्र सदन में रखा जाएगा :
सीएम ममता ने कहा कि उनके पार्थिव शरीर को लोगों के दर्शन के लिए कल यानी शुक्रवार सुबह कोलकाता के रविन्द्र सदन में रखा जाएगा। सुब्रत मुखर्जी सीएम ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाते हैं और उनके नेतृत्व में पंचायत विभाग ने विशेष मुकाम हासिल की है। सुब्रत मुखर्जी कोलकाता के मेयर भी रह चुके हैं और बंगाल के राजनीतिज्ञों में उनकी विशेष पहचान है।
सांस की गंभीर समस्या से परेशान थे बनर्जी :
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार में पंचायतों और ग्रामीण विकास और जल जांच और विकासबनर्जी सांस की गंभीर समस्या और दिल की बीमारी से पीड़ित थे। इसके अलावा मंत्री सुब्रत मुखर्जी को मधुमेह और उच्च रक्तचाप से परेशान थे। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि मुखर्जी ने सांस लेने में गंभीर परेशानी होने की शिकायत की थी, जिसके बाद पिछले हफ्ते उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था।
बालीगंज निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे :
सुब्रत मुखर्जी साल 2021 विधानसभा चुनाव में बालीगंज निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। 1971 और 1972 में वह बालीगंज विधानसभा क्षेत्र से विधान सभा के लिए चुने गए थे। साल 1972 में उन्हें सिद्धार्थ शंकर रे मंत्रालय में सूचना और सांस्कृतिक मामलों के राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने स्थानीय सरकारों के राज्य मंत्री के रूप में अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।