छत्तीसगढ़ में ‘लाल आतंक’ पर प्रहार जारी, सुकमा मुठभेड़ में 2 नक्सली ढेर

Sukma Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़ में ‘लाल आतंक’ पर प्रहार जारी है। इस बीच सुकमा जिले के मिरतुर थाना क्षेत्र पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें जवानों ने 2 नक्सलियों को मार गिराया है। दरअसल, जप्पेमरका और कमकानार के जंगल में यह मुठभेड़ हुई है, जहां मौके से हथियार, वायरलेस सेट, कठपुतली, नक्सल वर्दी, दवाइयां, प्रतिबंधित नक्सल संगठन की प्रचार सामग्री, साहित्य और अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई। इलाके में सर्चिंग जारी है।

यह भी पढ़ें:- लगातार मुख्यधारा में लौट रहे नक्सली, बीजापुर में 33 नक्सलियों ने एक साथ किया सरेंडर

इधर, बीजापुर में इनामी समेत 33 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर किया है, जिसमें से 3 नक्सलियों पर 5 लाख का इनाम घोषित था। सरेंडर नक्सलियों में PLGA बटालियन नंबर-1, कंपनी नंबर- 1 और जनताना अध्यक्ष शामिल हैं, जो कई बड़ी नक्सल वारदातों में शामिल रहे हैं। सरेंडर करने वालों ने हार्डकोर नक्सलियों पर दबाव और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।बता दें कि सभी को 25-25 हजार की प्रोत्साहन राशि दी गई है। (Sukma Naxalite Encounter)

109 नक्सलियों ने किया सरेंडर

इन सभी नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास और आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है। सभी आत्मसमर्पित नक्सली संगठन में कार्यों की उपेक्षा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार, प्रताड़ना, खोखली विचारधारा और आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचार से त्रस्त थे। इसलिए प्रदेश सरकार की आत्मसमर्पण नीतियों से वे प्रभावित हुए और भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। बता दें कि जिले में इस साल 189 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 109 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से अपील की है कि वे मुख्यधारा में लौट आएं। (Sukma Naxalite Encounter)

नारायणपुर मुठभेड़ में 8 नक्सली ढेर

इससे पहले नारायणपुर में हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने 8 नक्सलियों को मार गिराया था। वहीं छत्तीसगढ़ में लगातार मुठभेड़ के बाद नक्सली सरकार के साथ वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने पत्र लिखकर साय सरकार से वार्ता को लेकर सहमति दी है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा- खून-खराबा रोकने हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन कुछ बातें हैं, जिसे स्पष्ट करना है। नक्सलियों का कहना है कि दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता दो बार वार्ता के लिए अपनी राय दे चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से कुछ भी रिस्पॉन्स नहीं आया है। (Sukma Naxalite Encounter)

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