स्कूल खुलने के बाद भी नहीं आ रहे स्टूडेंट्स, ये है वजह

रायपुर। छत्तीसगढ़

कोरोना काल के करीब 16 महीने बाद राजधानी रायपुर में स्कूलों को तो खोल लिया गया। लेकिन वो कोरोना के डर से वो अब तक उभर नहीं पा रहे हैं। रायपुर शहर के 800 सरकारी स्कूलों में से करीब सौ स्कूल कन्टेनमेंट जोन के अंदर आ गए हैं, इसीलिए इस वक्त उन स्कूलों का खुलना नामुमकिन है। पर जिन स्कूलों को अभी खोला गया है, उसमें भी स्टूडेंट्स की उपस्थिति अब तक मुश्किल से 40 प्रतिशत ही पहुंच पाई है।

ये तो थी सरकारी स्कूल की बाद पर रायपुर में निजी स्कूलों की हालत और भी ख़राब है। सरकारी स्कूलों के मुकाबले यहां निजी स्कूल खुले ही नहीं है। इसकी एकमात्र वजह यही है की पेरेंट्स की समिति ने सहमति नहीं दी है। छत्तीसगढ़ शासन की स्कूलों को खोलने की शर्तों में कहा गया है कि अगर पालक तैयार नहीं होंगे तो स्कूल नहीं खुलेंगे, पढाई ऑनलाइन ही होगी।

राजधानी के कुछ सरकारी स्कूल खुले थे पर कन्टेनमेंट जोन की सीमा में आने के कारण इन्हे बंद करना पड़ गया। इनमें रायपुर की प्रमुख जगह जैसे खम्हारडीह, कटोरातालाब, पंडरी, कचना, राजेंद्र नगर, चौबे कालोनी, रायपुरा और मोवा में कई सरकारी स्कूल शामिल है।

ये हैं स्कूल खोलने की शर्तें
– शहर में स्कूल खोलने के लिए सम्बंधित पार्षद एवं पालक समिति की अनुशंसा जरुरी है।
– ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ग्राम पंचायत एवं स्कूल की पालक समिति की अनुशंसा जरुरी है।
– जहां कोरोना संक्रमण दर 7 दिनों में 1 प्रतिशत से कम वहीं होगी ऑफलाइन पढाई।
– किसी भी स्टूडेंट को अगर सर्दी, खांसी या बुखार है तो उसे कक्षा में नही बिठाया जायेगा।

Back to top button
error: Content is protected !!