ज्ञानवापी केस को लेकर वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, एक साथ सुने जाएंगे 8 मामले

Varanasi Court on Gyanvapi: ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की वाराणसी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी से जुड़े सात मामलों की सुनवाई एक साथ करने का फैसला किया है। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने सभी मामले एक साथ सुनने का आदेश 22 मई की डेट में दिया है। हिंदू पक्ष ने 8 केस क्लब करने की याचिका दाखिल की थी। मामले में 7 जुलाई को पहली बार एक साथ 8 केस की सुनवाई होगी। अब एक ही कोर्ट में ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी मामलों की एक साथ सुनवाई होगी।

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हिंदू पक्ष के वकील सुभाष चतुर्वेदी ने कहा कि फैसला हमारे पक्ष में आया है। हमारी लंबी मांग थी, लंबी सुनवाई हुई। न्यायालय को ये महसूस हुआ कि सभी केस को एक कर देना चाहिए। सारे मुकदमों का नेचर एक ही है। राखी सिंह के केस नंबर 693/21 मामले को लीडिंग केस के रूप में सुना जाएगा। इसी केस के तहत सभी मामलों की सुनवाई होगी। मामले में राखी सिंह की तरफ से वकील शिवम गौड़, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से वकील रमेश उपाध्याय, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से रईस अहमद ने दलील देकर एक साथ सुनवाई ना किए जाने की मांग की थी। (Varanasi Court on Gyanvapi)

वहीं चार महिला वादियों के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी और सुधीर त्रिपाठी ने कहा था कि सातों मुकदमे एक प्रकृति के हैं। सभी का एक ही आराजी नंबर है और सभी मुकदमों का उद्देश्य एक है। ऐसे में समय की बचत और कोर्ट की सुविधा को देखते हुए सभी सात मामलों की एक साथ सुनवाई किया जाना न्यायसंगत है। ज्ञानवापी से जुड़े शृंगार गौरी वाद की महिला वादिनियों (राखी सिंह, रेखा, सीता, मंजू, लक्ष्मी) ने पिछले साल दिसंबर में जिला जज की कोर्ट में एप्लिकेशन देकर 7 मामलों की सुनवाई एक साथ, एक ही कोर्ट में करने की मांग की थी। इसमें 6 सिविल जज सीनियर और 1 केस किरण सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था।

इस मामले पर जिला जज की अदालत ने 17 अप्रैल को आदेश पारित किया था कि उनकी कोर्ट में सभी 7 मामलों की फाइलों को रखा जाए। इसके बाद 17 अप्रैल को कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार 6 सिविल कोर्ट और एक फास्ट ट्रैक कोर्ट से सभी 7 याचिकाओं को निकाल एक साथ जिला जज के सामने रखा गया। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 12 मई की नई तारीख दी। 12 को सुनवाई न हो पाने के बाद 16 मई, 19 मई और फिर 22 मई की तारीख दी थी। (Varanasi Court on Gyanvapi)

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल एक वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए एक ‘शिवलिंग’ के कार्बन डेटिंग समेत ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ को टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के निहितार्थ के बाद से शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अनुमति मिलने पर बारीकी से जांच की जाएगी। आदेश में संबंधित निर्देशों का क्रियान्वयन अगली तिथि तक स्थगित रहेगा। (Varanasi Court on Gyanvapi)

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