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Vivekananda Rashtriya Yuva Sammelan: स्वामी विवेकानंद ने जीवन भर युवाओं को आगे बढ़ने के लिए किया प्रेरित: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

Vivekananda Rashtriya Yuva Sammelan: मुख्यमंत्री बघेल आज रायपुर के कोटा स्थित विवेकानंद विद्यापीठ में आयोजित ’विवेकानंद राष्ट्रीय युवा सम्मेलन’ (Vivekananda Rashtriya Yuva Sammelan) को संबोधित किये। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि स्वामी विवेकानंद के अमेरिका में तीन और भारत में 12 स्मारक हैं। रायपुर में बनने वाला स्मारक स्वामी विवेकानंद का 16वां स्मारक होगा। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में उपस्थित रामकृष्ण मिशन और विवेकानंद विद्यापीठ के पदाधिकारियों, सम्मेलन के अतिथियों से रायपुर में स्थापित होने वाले स्मारक के स्वरूप के संबंध में सुझाव देने का आग्रह किया।

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मुख्यमंत्री ने इसके पहले स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर उन्हें नमन किया और आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामकृष्ण आश्रम, राजकोट के अध्यक्ष श्रीमत् स्वामी निखिलेश्वरानंद जी ने की। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विवेकानंद विद्यापीठ, रायपुर द्वारा संस्कृति विभाग के सहयोग से सम्मेलन का आयोजन किया गया। विवेकानंद विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने राज्यगीत और देशभक्ति पूर्ण गीत की संगीतमय प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज समाज मे स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) जी के विचारों के प्रसार और उन्हें आत्मसात करने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ से विवेकानंद जी का गहरा लगाव रहा है। कलकत्ता के बाद स्वामी विवेकानंद जी ने रायपुर में सबसे ज्यादा समय बिताया। स्वामी विवेकानंद जी के नाम पर रायपुर के एयरपोर्ट का नामकरण किया गया। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने संस्मरण बताया कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए रायपुर एयरपोर्ट का नाम विवेकानंद जी के नाम पर रखने के लिए विधानसभा में एक अशासकीय संकल्प लाया था। स्वामी विवेकानंद जी का व्यक्तित्व इतना विराट है कि उनके नाम पर पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने सहमति व्यक्त की और संकल्प विधानसभा में पारित हुआ।

मुख्यमंत्री बघेल ने सम्मेलन में स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद भावधारा के संबंध में कहा कि सब को जोड़ने की बात यदि किसी संत ने कही है तो वह रामकृष्ण परमहंस ने कही और उस बात को चरितार्थ करने का काम यदि किसी ने किया तो विवेकानंद जी ने किया। स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि आप किसी भी पद्धति से प्रार्थना करिए या पूजा करें, आप एक ही ईश्वर तक पहुंचेंगे। आप किसी भी रास्ते से चलिए आप पहुंचेंगे एक ही जगह पर। उन्होंने समानता की बात कही, जोड़ने की बात कही, यही हिंदुस्तान की ताकत है। भारत की धरती से अनेक धर्म निकले हैं। हमें सभी धर्मो का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ में राम कृष्ण मिशन और विवेकानंद विद्यापीठ के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा के प्रकाश से जोड़ने, मानव कल्याण का कार्य इन संस्थानों में किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में कहा कि स्वामी विवेकानंद का कहना था कि पश्चिम के विज्ञान को हमें स्वीकार करना होगा और भारत के अध्यात्म को पश्चिम को स्वीकार करना होगा तभी मानवता आगे बढ़ेगी। आजकल राजनीति करने वाले धर्म की बात कर रहे हैं और धार्मिक गुरु चुप बैठे हुए हैं। हम हिंदू हैं, हमें इस बात पर गर्व है लेकिन किसी और धर्म का अपमान करें यह उचित नहीं है। धर्म कभी घृणा की बात नहीं कर सकता। साधु संत के दो काम हैं, जगत का कल्याण और आत्म उन्नति यदि आपके मन में घृणा है तो आप साधु नहीं।

स्वामी निखिलेश्वरानंद जी ने अध्यक्षीय आसंदी से स्वामी विवेकानंद के कथन को दोहराते हुए युवाओं से कहा कि भारत को प्रेम करें और उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रूको। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद युग दृष्टा थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में स्थापित होने वाले स्मारक के लिए हर संभव सहयोग देने की बात कही। विवेकानंद विद्यापीठ के सचिव डॉ. ओमप्रकाश वर्मा ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद विद्यापीठ के पदाधिकारी और सम्मेलन में शामिल हो रहे अतिथि और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित थे। (Vivekananda Rashtriya Yuva Sammelan)

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