बलौदाबाजार : जिले में आगामी 1 दिसम्बर से तीन नये केन्द्र सहित 176 उपार्जन केन्द्रों के जरिए धान खरीदी की जायेगी। इस साल राज्य सरकार द्वारा जिले में तीन नये धान खरीदी केन्द्र- मोहदा, सर्वा एवं सकलोर स्वीकृत किये गये हैं। धान बेचने के लिए इस साल 1लाख 78 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराये हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल 12 हजार 715 ज्यादा किसानों का पंजीयन किया गया है। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी की प्रक्रिया का विस्तृत प्रशिक्षण दिया। उन्होंने खरीदी प्रक्रिया के अंतिम स्तर से जुड़े हम्मालों को भी प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं।
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कलेक्टर श्री जैन ने समिति कर्मचारियों के हड़ताल से वापसी के बाद उपार्जन केन्द्रों की संपूर्ण तैयारी 26 नवम्बर तक पूर्ण करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री राजेन्द्र गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी सभी एसडीएम, कृषि, सहकारिता, खाद्य, राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर जैन ने कहा कि किसानों से धान खरीदी का अभियान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है। वास्तविक किसानों को धान खरीदी से जुड़े किसी भी काम में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हमें अपनी तैयारी समय से पूर्व और पुख्ता तरीके से रखना होगा। कलेक्टर ने धान खरीदी के संबंध में राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों से अधिकारियों को अवगत कराया।
उन्होंने किसानों के पंजीयन से लेकर फड़ से धान के परिवहन तक एक-एक प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा की। धान खरीदी से जुड़े हर अमले को उन्हेांने सौंपे गये कार्यों का दायित्व बोध कराया और सतर्क होकर धान खरीदी का काम करने की अपेक्षा की। उल्लेखनीय है कि इन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जायेगी। पतला धान का समर्थन मूल्य 1960 रूपये प्रति क्विंटल तथा सरना एवं मोटे धान का समर्थन मूल्य 1940 रूपये निर्धारित किया गया है। प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी पूर्व की भांति की जायेगी।
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कलेक्टर ने कुछ किसानों के लंबित पंजीयन को एनआईसी से समन्वय कर दो दिन में पूर्ण करने को कहा है। उन्होंने बैठक में विशेष रूप से नये उपार्जन केन्द्रों हेतु स्थल चयन एवं साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, कम्प्यूटर सेट्स, यूपीएस, इन्टरनेट कनेक्शन, जनरेटर, आद्रतामापी यंत्र का केलिबरेशन, कांटा-बांट का सत्यापन, बारदानों की उपलब्धता, रंग एवं सुतली की व्यवस्था, डॉटा एण्ट्री ऑपरेटर की व्यवस्था, हमालों की व्यवस्था, फड़ में भण्डारण हेतु उपलब्ध रकबा, उपलब्ध चबूतरों की संख्या, तारपोलीन की व्यवस्था, डनेज की व्यवस्था, प्राथमिक उपचार पेटी, पेयजल, बेनर-पोस्टर, एफएक्यू की जानकारी एवं सेम्पल प्रदर्शन, निगरानी समिति धान की सुरक्षा एवं भण्डारण के उपायों की जानकारी ली और जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि किसान अपने स्वयं के बारदानों का उपयोग धान का विक्रय कर सकते हैं। कुल क्षमता के 30 प्रतिशत बारदानों का उपयोग किसानों द्वारा किया जा सकता है। जिले में धान खरीदी के संबंध में 16 केन्द्र अतिसंवेदनशील एवं 47 केन्द्र संवेदनशील के रूप में चिन्हित किये गये हैं। अति संवेदनशील केन्द्रों पर पिछले साल काम कर चुके कर्मचारियों को पूरी तरह बदल दिया जायेगा। इन केन्द्रों पर निगरानी के लिए कलेक्टर प्रतिनिधि के तौर पर वरिष्ठ अधिकारी तैनात किये गये हैं।
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अवैध परिवहन रोकने के लिए जिले में 12 चेकपोस्ट बनाये गये हैं। कल से इन पोस्टों पर कर्मचारी एवं पुलिस की तैनाती कर जांच शुरू कर दी जायेगी। संभावित दलालों और कोचियों की सूची तैयार की जा रही है। इनकी गतिविधियों की प्रशासन सख्त नजर रखेगी। कलेक्टर ने कहा कि औसत अच्छी गुणवत्ता (एफएक्यू) के धान ही खरीदे जाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा। एफएक्यू अनुसार धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी नहीं होने चाहिए। मिश्रण अधिकतम 6 प्रतिशत, डैमेज/डिस्कलर 5 प्रतिशत, अधपका एवं सिकुड़ा दाना 3 प्रतिशत एवं एक प्रतिशत फॉरेन मटेरियल से ज्यादा नहीं होने चाहिए।