ब्रह्मकुमारी आश्रम में 2 सगी बहनों ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा…….
आगरा : ब्रह्माकुमारी आश्रम में शुक्रवार की रात दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खुदकुशी से पहले दोनों बहनों ने आश्रम के वॉट्सऐप ग्रुप में दो सुसाइड नोट भेजे थे। उन्होंने आत्महत्या के लिए आश्रम के चार कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आसाराम की तरह ही इनको आजीवन कैद की सजा दिलवाने की अपील की है। मैसेज देख परिजन आश्रम पहुंचे तो दोनों बहनें छत पर लगे पंखों के हुक से फंदे पर लटकी हुई थीं।
दो दिन पहले ही भाई मिला था
जगनेर निवासी एकता (37) और शिखा (34) पिछले काफी समय से ब्रह्माकुमारी आश्रम से जुड़ी थीं। चार वर्ष पहले जगनेर में बसई रोड पर ब्रह्माकुमारी आश्रम की स्थापना के बाद वहां रहने लगीं। मृतकों के भाई सोनू ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार रात 11.18 बजे उनके वॉट्सऐप पर रूपवास के ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहन ने सुसाइड नोट भेजा। इससे एकता और शिखा द्वारा भेजे गए सुसाइड नोट की जानकारी मिली, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। घबराए परिजन भागकर जगनेर क्षेत्र के आश्रम पहुंचे। वहां दोनों बहनों को फंदे पर लटका देख बिलख पड़े। सूचना पर डीसीपी सोनम कुमार, एसीपी महेश कुमार, थाना प्रभारी जगनेर भी मौके पर पहुंच गए। सोनू ने उन्हें बताया कि दो दिन पहले वह आश्रम में दोनों बहनों से मिलकर गए थे। तब सब कुछ सामान्य था। खुदकुशी की सूचना पर आला अफसर आश्रम पर पहुंच गए।
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सुसाइड नोट में क्या लिखा?
सुसाइड नोट में एकता ने लिखा,’नीरज ने केंद्र में रहने का आश्वासन दिया था। लेकिन केंद्र बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल तक हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी। उसका साथ उसके पिता के अलावा ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला और ताराचंद नाम के शख्स ने भी दिया। 15 साल तक साथ रहने के बाद भी वह ग्वालियर की महिला के साथ संबंध बनाता रहा। चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है।’
दोनों बहनों ने सुसाइड नोट में लिखा ,’हमारे पिता ने प्लॉट के लिए 7 लाख रुपए आश्रम से जुड़े व्यक्तियों को दिए थे। 18 लाख रुपए गरीब मताओं से लिए गए थे, जिन्हें आरोपियों ने हड़प लिया। वे लोग पैसे हड़पने के साथ-साथ महिलाओं के साथ अनैतिक काम करते हैं और दबंगई दिखाते हुए कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता। सुसाइड नोट दोनों बहनों ने कहा कि आरोपियों ने बहुतों के साथ गलत किया है। किसी से पैसे लिए और उसी पर केस कर दिया। सुसाइड नोट में एकता ने यह भी कहा है कि उनके सुसाइड नोट को मुन्नी बहन और मृत्युंजय भाई के पास पहुंचा दिया जाए।
सुसाइड नोट में आगे लिखा है,’कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं और यह लोग (आरोपी) छिपा लेते हैं। हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी हुई है। पापी नीरज सिंघल माउंट आबू में मॉडर्न कंपनी में नौकरी करता है। ग्वालियर मोती झील वाली पूनम, इसके पिता ताराचंद और उसकी बहन का ससुर गुड्डन जो जयपुर में रहता है। हमारे साथ 15 साल से रह रहा था और झूठ बोलता रहा। हमने कोई गलती नहीं की। सेंटर बनवाने में सारा पैसा हमारा लगा है। हमसे हमेशा कहा गया कि चिंता मत करो, मैं सब संभाल लूंगा। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका, मेरा पिता ताराचंद वकील है। वह मुझे कुछ नहीं होने देगा।’
खुदकुशी से पहले लिखे गए लेटर में कहा गया है,’हमारे साथ कोई नहीं है हम अकेले पड़ गए हैं। इसलिए यह कदम उठाना पड़ रहा है। मेरे प्यारे भाई सोनवीर और एन सिंह से प्रार्थना है कि इस केस को आप दोनों बहनों की तरफ से लड़ना। आप हमारे सगे भाई से ज्यादा हो चाहे जितना पैसा खर्च हो जाए। आप उसे बहनों की राखी का समझ लेना। इन चारों हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सब-सबूत आश्रम में रखे हैं। प्लीज हमें गलत ना समझा जाए। हमें धोखा मिला है। इसके (आरोपी) पास हमारे 25 लख रुपए हैं। 7 लाख मेरे पापा ने प्लॉट दिलवाया था, उसे बेच कर दिए थे।’