छत्तीसगढ़ में लगातार तीसरे दिन भारी बारिश ने मचाई तबाही, 37 लोगों की मौत

Rain Wreaks Havoc : छत्तीसगढ़ के बस्तर में लगातार बारिश के चलते कई नदी-नाले उफान पर हैं। तबाही की बारिश के कारण कुछ गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। बारिश और बाढ़ के चलते 2 दिन में 3 मौतें हो गईं हैं।

नाला को पार करते समय मां-बेटा पानी में डूब गए हैं। जिनके शव को बाहर निकाल लिया गया है। बीजापुर जिले का धर्माराम गांव में करीब 3 से 4 फीट तक बारिश का पानी भर गया है। जहां बीमार महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई है। वहीं सड़कें जलमग्न हो गईं हैं। दरभा में मुनगा नाला उफान पर है। वहीं शनिवार को उसी इलाके की रहने वाली फूलों माड़वी (38) अपने बच्चे को लेकर नाला पार करने की कोशिश की। इसी बीच पानी के तेज बहाव के साथ मां-बेटा दोनों बह गए।

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बताया जा रहा है कि उस समय वहां उनकी सास भी मौजूद थी। बहू और पोते को डूबते देखकर चीखने लगी। आवाज सुनकर मौके पर ग्रामीण पहुंचे। जिन्होंने दोनों को बचाने के लिए नदी में छलांग लगाई। लेकिन जब तक उनको बाहर निकाले तब तक उनकी मौत हो गई थी।सुचना मिलने के बाद मौके पर पखनार चौकी के जवान पहुंचे। जिन्होंने शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया है।(Rain Wreaks Havoc)

भारी बारिश के चलते उसूर ब्लॉक का धर्माराम गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है। गांव पूरी तरह से टापू बन गया है। इलाके में करीब 4 से 5 फीट तक पानी भर गया है। वहीं इसी गांव की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला गुंडी मल्ली की इलाज के अभाव में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि, महिला पिछले कई दिनों से बीमार थी। घर और गांव पूरी तरह से डूब गया था। महिला को अस्पताल ले जाने तक की भी कोई सुविधा नहीं थी। राहत बचाव दल का इंतजार करते-करते महिला ने दम तोड़ दिया।

लोग गांव खाली करने को है मजबूर

जानकारी के अनुसार सभी ग्रामीण अपने घरों से निकल कर गांव से बाहर किसी सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गए हैं। हालांकि, अभी बारिश रुकी हुई है। धीरे-धीरे पानी कम होती जा रही है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जरूरत का सामान लेकर गांव वाले घरों से बाहर निकल रहे हैं। कुछ ग्रामीण घरों की छत पर चढ़कर एक-दूसरे को जरूरत का सामान पकड़ाते हुए नजर आये। (Rain Wreaks Havoc)

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