सूचना का अधिकार जनता को जानकारी देने के लिए बनाया: मुख्य सूचना आयुक्त राउत

Chhattisgarh Chief Information Commissioner: राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एम के राउत ने कलेक्ट्रेट स्थित रेडक्रास भवन के सभागार में सूचना का अधिकार विषय पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम आम जनता के लिए बनाया गया है । जनसूचना अधिकारी प्राप्त आवेदनों को निर्धारित समय सीमा में निराकरण करें । मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना का अधिकार के तहत आवेदन शुल्क के रुप में संलग्न नान ज्युडिशियल स्टाम्प, ई-स्टाम्प, चालान, भारतीय पोस्टल आर्डर, नगद, बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा करता है, तो आवेदक को समय सीमा में जानकारी रजिस्ट्री डाक से भेंजे।

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उन्होंने कहा कि जहां (विभाग) नकल लेने का प्रावधान है, वहां आवेदक को नकल (प्रतिलिपि) के लिए आवेदन करने पत्र जरुर भेजें। कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नर्रेन्द्र भुरे, जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी आकाश छिकारा, अपर कलेक्टर बी.बी पंचभाई, राज्य सूचना आयोग के संयुक्त संचालक धनंजय राठौर भी उपस्थित थे। राउत ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम सरकार के कार्याें को पारदर्शी बनाना है। इसमें पहली कड़ी जनसूचना अधिकारी हैं, इसलिए जनसूचना अधिकारी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों को स्वयं पढ़े । इससे गलती की संभावना कम होगी। इसमें जानकारी देने की समय-सीमा और शुल्क निर्धारित है। (Chhattisgarh Chief Information Commissioner)

जनसूचना अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें। एक आवेदक के आवेदन को एक से अधिक विभाग को अंतरण नहीं करना है। राज्य सूचना आयोग के आयुक्त अशोक अग्रवाल ने कार्यशाला में स्पष्ट किया कि जनसूचना अधिकारी समय सीमा में आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने में असमर्थ है तो आवेदक प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास अपील कर सकता है। प्रथम अपीलीय अधिकारी निर्णय देने के बाद उसे समय सीमा में कार्यान्वित कराने का दायित्व प्रथम अपीलीय अधिकारी का है। उन्होंने जनसूचना अधिकारियों से कहा कि जब आवेदक सूचना का अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत करता है, तो आवेदन पत्र को ध्यान से पढ़े, आवेदन पत्र में एक से अधिक विषय की जानकारी चाही गई है, तो केवल प्रथम विषय की जानकारी आवेदक को दे और शेष विषय के लिए पृथक-पृथक आवेदन करने पत्र के माध्यम से सूझाव दे। (Chhattisgarh Chief Information Commissioner)

इसी तरह सशुल्क जानकारी देने की स्थिति पर शुल्क की गणना भी आवेदक को दी जाए और आवेदक द्वारा शुल्क जमा करने के बाद ही वांछित जानकारी की फोटोकॉपी उपलब्ध कराई जाए। राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने कहा कि जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी आयोग के नोटिस का जवाब जरूर दें, जवाब नहीं मिलने पर आयोग अर्थदंड और क्षतिपूर्ति लगा सकता है। उन्होंने कहा कि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी आपके कार्यालय से संबंधित नहीं है, तो उसे संबंधित कार्यालय को 5 दिवस के भीतर आवेदन पत्र को अंतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन को पारदर्शी बनाने के लिए ही सूचना का अधिकार अधिनियम बनाया गया है। जनसूचना अधिकारी अधिनियम के नियमों और उनकी बारीकियों को समझ सकें, इसलिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। (Chhattisgarh Chief Information Commissioner)

राज्य सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने कहा कि आयोग के निर्णय का पालन करतें हुए जवाब अवश्य दें। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम आम जनता की भलाई के लिए बनाया गया है। नागरिकों के द्वारा शासकीय योजनाओं, कार्यक्रमों और कार्यों की जानकारी मांगने पर निर्धारित समय सीमा में आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने का दायित्व हमारा है। शासकीय कार्यों, दस्तावेजों और कार्यक्रमों को विभागीय वेबसाईट में प्रदर्शित करें , ताकि आम नागरिक को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाने की जरूरत ही ना पड़े। उन्होंने कहा कि सभी जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी आवेदक को जवाब देते समय अपना नाम स्पष्ट रूप से उल्लेख करें । जायसवाल ने कहा कि आवेदक को जानकारी देते समय जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी अपने कक्ष के बाहर नाम पट्टिका को प्रदर्शित करे।

आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने कहा कि सरकारी गतिविधियों को पूर्णतः पारदर्शी बनाना है। सूचना का अधिकार के तहत आवेदक को समय-सीमा के भीतर जानकारी दें अन्यथा निर्धारित समय-सीमा 30 दिन के बाद आवेदक को निःशुल्क जानकारी देनी होगी। जायसवाल ने कहा कि सूचना आयोग पेनाल्टी लगाने वाली संस्था नहीं है, लेकिन जानबूझकर जानकारी नहीं देने अथवा गलती करने पर जनसूचना अधिकारी पर पेनाल्टी लगाना जरूरी हो जाता है, ऐसी स्थिति से जनसूचना अधिकारी को बचना चाहिए। (Chhattisgarh Chief Information Commissioner)

राज्य सूचना आयोग के संयुक्त संचालक धनंजय राठौर ने कार्यशाला में कहा कि प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेही बनाना सूचना का अधिकार का मूल उद्देश्य है। आम नागरिक सूचना का अधिकार के लिए शुल्क अदा किया है, तो उसे समय सीमा में जानकारी उपलब्ध कराना जनसूचना अधिकारी का दायित्व है। सूचना के अधिकार के तहत बी पी एल का राशन कार्ड मान्य नहीं है, किन्तु नगरीय क्षेत्र के लिए सी एम ओ और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी जनपद पंचायत के द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य है। बी पी एल के आवेदक को 50 पृष्ठ या 100 रूपये तक की जानकारी निःशुल्क देना है, अधिक जानकारी होने पर बी पी एल श्रेणी के आवेदक को दस्तावेजों को अवलोकन करने आग्रह करें।

कार्यशाला में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों ने जनसूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों के प्रश्नों और शंकाओं का समाधान किया। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की विस्तृत जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शित किया। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत इस एक दिवसीय कार्यशाला में सभी विभाग के जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी के अलावा जनपद पंचायत के जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी (मुख्य कार्यपालन अधिकारी) बड़ी संख्या में उपस्थित थे। (Chhattisgarh Chief Information Commissioner)

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