
Congress on IMF Director: भारत ने IMF में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को बर्खास्त कर दिया है। सुब्रमण्यन को अगस्त 2022 में IMF बोर्ड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन उनके 3 साल का कार्यकाल खत्म होने से 6 महीने पहले ही यानी 30 अप्रैल 2025 को उन्हें हटा दिया गया। इस बीच भारत ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF के बोर्ड में परमेश्वरन अय्यर को अस्थायी डायरेक्टर नॉमिनेट किया है। परमेश्वरन 9 मई को होने वाले IMF की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
वहीं सुब्रमण्यन को अचानक बर्खास्त करने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार ने अचानक IMF में भारत के कार्यकारी निदेशक केवी सुब्रमण्यन का कार्यकाल समाप्त कर दिया है। जबकि उनके कार्यकाल में अभी भी 6 महीने बाकी थे। सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है। ये वही केवी सुब्रमण्यन हैं, जो कोविड के दौरान -24% ग्रोथ के बावजूद V-शेप्ड रिकवरी की बात कर रहे थे, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि इन्हें अचानक बर्खास्त कर दिया गया। दरअसल, ऐसा एक जबरदस्त घपलेबाजी के चलते हुआ है, क्योंकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के आधिकारिक दस्तावेजों से पता चलता है कि यूनियन बैंक ने प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार और समर्पित चीयरलीडर, केवी सुब्रमण्यन द्वारा लिखी गई किताब India@100 की करीब 2 लाख प्रतियां ऑर्डर की। (Congress on IMF Director)
आर्थिक नीतियों पर जबरदस्ती की टिप्पणी की थी: कांग्रेस
श्रीनेत ने कहा कि इन 2 लाख प्रतियों की कुल कीमत- 7.25 करोड़ रुपए से ज्यादा थी और यही नहीं, 3.5 करोड़ रुपए तो एडवांस भी दे दिए गए। इनमें 1,89,450 प्रतियां पेपर बैक और 10,422 हार्ड कवर की प्रतियां शामिल थीं। इन किताबों को बैंक के रीजनल और जोनल ऑफिस से लेकर खाताधारकों, स्कूल और कॉलेजों में बांटा जाना था। बैंक के 18 जोनल ऑफिस हैं और हर जोनल ऑफिस को 10,525 प्रतियां दी जानी थीं। आधा पेमेंट करने के बाद बैंक ने तमाम रीजनल दफ्तरों को कहा कि बाकी पेमेंट अतिरिक्त खर्च में दिखा दिया जाए। सवाल है कि इनका भोंडा प्रचार क्यों किया गया, जिसका जवाब यह है कि इन्होंने सरकार की हर गलत नीति को सही बताने का काम किया और पहले की सरकारों की आर्थिक नीतियों पर जबरदस्ती की टिप्पणी की थी। (Congress on IMF Director)
शर्मनाक खुलासे के कारण हटाना पड़ा: श्रीनेत
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस शर्मनाक खुलासे के कारण ही मोदी सरकार को मजबूरन केवी सुब्रमण्यन को उनके पद से हटाना पड़ा है। केवी सुब्रमण्यन, प्रधानमंत्री मोदी और BJP के जाने-माने भक्त हैं। प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहते हुए केवी सुब्रमण्यन ने साल 2019-20 के आर्थिक सर्वे में ‘थालीनॉमिक्स’ की चर्चा की थी।
यह अलग बात है कि एक साधारण वेज थाली की कीमत सिर्फ एक साल में 52% बढ़ गई है। जब देश बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहा था, तब सरकार, सरकारी बैंक द्वारा नरेंद्र मोदी को सही ठहराने के लिए 2 लाख किताबों की प्रतियां खरीद रही थीं। (Congress on IMF Director)
BJP और PM मोदी पर कसा तंज
कांग्रेस ने कहा कि सरकार, सरकारी बैंक और वित्त मंत्रालय से हमारे कुछ सवाल हैं- क्या यह सच नहीं है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने केवी सुब्रमण्यन की किताब की 2 लाख प्रतियां खरीदीं, क्या बैंक ने 7 करोड़ रुपए से ज़्यादा खर्च करने के लिए अपने बोर्ड या वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग से अनुमति ली थी? BJP ने नरेंद्र मोदी की छवि सुधारने के लिए यह पैसा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को नहीं दिया था। यह पैसा जनता का था तो इसका दुरुपयोग क्यों किया गया और क्या खाताधारक को इस बारे में कोई जानकारी दी गई थी? क्या वित्त मंत्रालय ने इस बात की जांच की है कि यह कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट कैसे हुआ? (Congress on IMF Director)
क्या सीतारमण इस लेन-देन पर सफाई देंगी: श्रीनेत
उन्होंने पूछा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की MD और CEO मणिमेखलाई, जिनका जून 2025 में एक्सटेंशन होना है, तो क्या उन्होंने अपने एक्सटेंशन की पैरवी करने के लिए अपरोक्ष रिश्वत दी, क्या ये सब उनकी जानकारी में हुआ? क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस लेन-देन पर सफाई देंगी, PMO इसमें क्यों और किस हद तक शामिल था- इसका जवाब कौन देगा? आपको बता दें कि 4 मई को अखिल भारतीय यूनियन बैंक कर्मचारी संघ ने भी बैंक की MD और CEO से पब्लिक के पैसे की इस फ़िज़ूलख़र्ची और बर्बादी की जांच की मांग की है। इस देश के ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपने बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रख पाते हैं। (Congress on IMF Director)
दो जून की रोटी इकट्ठा करना भी मुश्किल: कांग्रेस
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ये वो लोग हैं, जिनके लिए इस वक्त दो जून की रोटी इकट्ठा करना भी मुश्किल है। 2023-24 में सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस पर पेनॉल्टी लगाकर करीब 2,300 करोड़ रुपए जमा किए हैं, जिसमें यूनियन बैंक ने 126 करोड़ रुपए इकट्ठा किए हैं। ये दिखाता है कि चरणवंदन करने वाले केवी सुब्रमण्यन जैसे लोगों के लिए सरकार का क्या रुख है और आम जनता के लिए सरकार का क्या रुख है? आपको याद होगा- दिसंबर 2024 में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि ‘मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB), जो जनता की जीवनरेखा हैं, उन्हें केवल अमीर और शक्तिशाली कंपनियों के लिए पालतू साहूकार बनाकर रख दिया है। नेता विपक्ष की यह बात शत-प्रतिशत सच है। ऐसे कई उदाहरण हैं- जहां RSS कार्यकर्ताओं और भक्तों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। (Congress on IMF Director)
पाकिस्तान को ऋण नहीं मिलना चाहिए: कांग्रेस
उन्होंने कहा किये सच है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 साल में अपने प्रचार-प्रसार और छवि चमकाने के लिए ‘भक्त और ट्रोल मंडली’ बनाई हुई है, जिन्हें तरह-तरह से फायदा पहुंचाया जाता है। फिर वो राष्ट्रमित्र अडानी हो या आर्थिक तर्क से ज़्यादा नरेंद्र मोदी के मन की बात करने वाले केवी सुब्रमण्यन- इन सभी के लिए नए भारत के अमृत काल में भ्रष्टाचार के नए आयाम लिखे जा रहे हैं। पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1.3 बिलियन डॉलर का ऋण मांगा है। 29 अप्रैल को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे को उठाया था और सरकार से इसका कड़ा विरोध करने का आग्रह किया था। हम समझते हैं कि IMF बोर्ड जल्द ही इस मामले की समीक्षा करेगा। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान को ऋण देने से मना करने की भारत की मांग स्वीकार कर ली जाएगी। पाकिस्तान जैसे देश, जो भारत विरोधी गतिविधियों को पनाह देता है और उनमें शामिल है, उसे किसी भी बहुपक्षीय एजेंसी से एक पैसा भी नहीं मिलना चाहिए। (Congress on IMF Director)