छत्तीसगढ़ में मानसून मेहरबान, सूखे की आशंका खत्म, आज भी बारिश के आसार
रायपुर : प्रदेश में पिछले दो सप्ताह से हो रही मानसून, तेज बारिश के चलते सूखे की आशंका खत्म हो चूकि है. बीते दिनो राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 31 अगस्त 2021 की स्थिति में की गई समीक्षा के मुताबिक. 23 जिलों के 72 तहसीलों में 80 फीसदी से कम भारिश हुई थी. जिसके चलते सूखे की आशंका बढ़ गई थी. साथ ही विभाग ने अधिकांश जिलों में खरीब फसल की स्थिति खराब होने की आशंका जताई थी. लेकिन प्रदेश में सूखे का ये संकट अब खत्म हो चुका है.
प्रदेश में एक जून से अब तक 1 हजार 48 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है. यह पिछले 10 साल की औसत बरसात से केवल 4 प्रतिशत कम रह गई है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक जून से 20 सितम्बर तक यहां औसतन 1 हजार 95.9 मिलीमीटर बरसात होती है. राज्य के 10 जिलों में औसतन बरसात का कोटा पार हो चुका है. सुकमा जिले में सामान्य से बहुत अधिक पानी बरसा है. 22 जिलों में बारिश सामान्य है. वहीं 4 जिलों में अभी भी कम बारिश की समस्या बनी हुई हैं. सामान्य बरसात की तुलना से देखें तो सुकमा, बेमेतरा, कबीरधाम, सूरजपुर, बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, नारायणपुर, दुर्ग और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों में बरसात का कोटा पार हो चुका है. वहीं सरगुजा, जशपुर, कांकेर और रायगढ़ में सामान्य से बहुत कम बरसात हुई है.
इस बार सितम्बर में मानसून मेहरबान
मौसम विभाग की माने तो सितम्बर तक मानसून का असर कम होने लगता है. इन महीनों में सामान्य तौर से 9 से 10 दिन ही बरसात होती है. जिसमें औसतन 200 मिमी पानी बरसता है. पिछले साल सितम्बर में केवल 92.3 मिमी पानी बरसा था. पिछले 10 वर्षों के दौरान सितम्बर में सबसे अधिक बरसात 2019 में हुई थी. लेकिन इस बार प्रदेश में एक जून से अब तक 1 हजार 48 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है.
आज भी रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में भारी बारिश की संभावना
रायपुर मौसम केंद्र के मुताबिक आज प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने और गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है. साथ ही गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की भी आशंका है. मौसम विभाग के मुताबिक भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग रहने की संभावना बनी हुई है।
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छत्तीसगढ़ में इन सिस्टमों के चलते हो रही है बारिश
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पूर्वी राजस्थान और उसके आसपास करीब 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है. साथ ही गंगा के तटवर्ती पश्चिम बंगाल के ऊपर भी ऐसा ही सिस्टम बना हुआ है. इस बीच मानसून द्रोणिका, बीकानेर, कोटा, नवगांव, गया, कोलकाता और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है. जिसके चलते इनका प्रभाव छत्तीसगढ़ पर पड़ेगा.