गवर्नर और मुख्यमंत्री में छिड़ी जंग, कहा- अब कभी इस्तेमाल नहीं करूंगा सरकारी हेलीकॉप्टर

Punjab CM Governor: दिल्ली के बाद पंजाब में भी फिर से राज्यपाल और मुख्यमंत्री आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, विधानसभा में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित पर मुख्यमंत्री मान ने हेलीकॉप्टर और यूनिवर्सिटी को लेकर तंज कसे थे, जिसका राज्यपाल ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री सभी प्रकार की गरिमा-परंपराओं का उल्लंघन कर राज्यपाल का मजाक उड़ा रहा है। उन पर हेलीकॉप्टर को लेकर तंज कस रहा है। उन्होंने कहा कि वे जब तक पंजाब में है सरकार का हेलीकॉप्टर प्रयोग नहीं करेंगे।

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गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुझे पर आरोप लगाया गया कि हमने राज्यपाल को बॉर्डर पर जाने के लिए हेलीकॉप्टर दिया। ये तो सरकारी ड्यूटी है न, मैं बॉर्डर पर गया था ये मेरा अधिकार है। मैं कभी निजी कार्य के लिए नहीं गया। मैं घोषणा करता हूं कि जब तक मैं पंजाब में हूं तब तक मैं पंजाब सरकार का हेलीकॉप्टर कभी इस्तेमाल नहीं करूंगा। मैं नहीं लूंगा आपका (पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान) हेलीकॉप्टर..आप खुश रहिए। उन्होंने कहा कि पहले भी मैंने तीन-चार बार ही हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया है वह भी बॉर्डर पर जाने के लिए। हेलीकॉप्टर पर सिर्फ मुख्यमंत्री का ही अधिकार नहीं है। वे अकेले हेलीकॉप्टर में नहीं गए थे। (Punjab CM Governor)

गवर्नर ने कहा कि जब मैं बॉर्डर में गया था तो मेरे साथ पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी भी साथ में गए थे, लेकिन अब मैंने तय कर लिया है कि अब सरकारी हेलिकॉप्टर का प्रयोग नहीं करूंगा। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि मुख्यमंत्री बेशक मेरा मजाक उड़ाएं, क्योंकि उन्हें पद की गरिमा का तो ख्याल है नहीं, लेकिन वह उन्हें उनके पूछे गए सवालों का पहले जवाब दे दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेरे पत्रों को प्रेम पत्र कहकर मजाक उड़ाया। गवर्नर ने कहा कि पूछना उनका अधिकार है और जवाब देना CM की ड्यूटी। (Punjab CM Governor)

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक संवैधानिक रूप से मुख्यमंत्री राज्यपाल के पूछे गए सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य हैं। CM जो भी भाषा का इस्तेमाल करना चाहते हैं करें, लेकिन अगर वह कुछ असंवैधानिक करते हैं तो मैं इसे रोक दूंगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से कोई निजी जानकारी नहीं मांगी गई थी। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझ पर पंजाब विश्वविद्यालय मामले में हरियाणा का पक्ष लेने का आरोप लगाया। सरकार ने पांच साल में पंजाब यूनिवर्सिटी को 203 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। जबकि 696 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना था। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को दोष देना अनुचित है। राज्यपाल ने चुनौती दी कि कोई एक बिंदु बताएं जिससे सरकार के काम में बाधा उत्पन्न हुई हो। 

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