PM मोदी के शिवशक्ति प्वाइंट नामकरण के बाद चर्चा में आया जवाहर प्वाइंट, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

Jawahar Point : पीएम मोदी ने शनिवार को बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पर वैज्ञानिकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्हाेंने तीन बड़ी घोषणाएं की। पहली- भारत 23 अगस्त को हर साल ‘नेशनल स्पेस डे’ मनाएगा। दूसरी- चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर जिस जगह उतरा, वह स्थान अब ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट कहलाएगा। तीसरी- चंद्रयान-3 के पद चिन्ह को ‘तिरंगा’ नाम से जाना जाएगा।

उनके संबोधन के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक और शब्द लगातार ट्रेंड कर रहा है। वह है जवाहर प्वाइंट। इसको लेकर यह बहस छिड़ी है कि इसका नामकरण कैसे हुआ? इसका संबंध चंद्रयान-1 से है। बता दें कि चंद्रयान-1 कांग्रेस सरकार के शासनकाल में 2008 में लाॅन्च किया गया था। जवाहर प्वाइंट (Jawahar Point) का नामकरण को लेकर फिलहाल सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है।

जानें क्या है जवाहर प्वाइंट?

जवाहर प्वाइंट का ताल्लुक चंद्रयान-1 से है। भारत में मून पर अपना पहला मिशन 22 अक्टूबर 2008 को लाॅन्च किया था। लेकिन चांद पर पहुंचने से करीब 100 किमी. पहले ही चंद्रयान-1 कै्रश कर गया। उसकी क्रैश लैंडिंग साउथ पोल पर हुई थी। जिस उसकी क्रैश लैंडिंग हुई वह दिन 14 नवंबर था। सभी जानते हैं कि इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जन्म जंयती मनाई जाती है। इसलिए चंद्रयान-1 की लाॅन्चिंग साइट का नाम जवाहर प्वाइंट रख दिया गया।

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सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

पीएम मोदी के चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का नाम शिवशक्ति प्वाइंट का नाम भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट करते हुए कहा कि पहले भारत बनाम परिवार। उन्होंने लिखा कि चंद्रयान-1 के लैंडिंग या इंपेक्ट प्वाइंट को जवाहर प्वाइंट (Jawahar Point)नाम दिया गया। वहीं चंद्रयान-2 के लैंडिंग प्वाइंट को तिरंगा प्वाइंट और चंद्रयान-3 के लैंडिंग प्वाइंट को शिवशक्ति प्वाइंट कहा जाता है।

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