Hareli Tihar Profile Photo: हरेली तिहार को जन-जन के बीच लोकप्रिय बनाने प्रोफाइल फोटो फ्रेम जारी, आप भी ऐसे जुड़े

Hareli Tihar Profile Photo: किसानों की लोक-परम्परा के साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़ा ‘हरेली तिहार’ इस बार 28 जुलाई यानी कल है। राज्य शासन द्वारा इस बार भी हरेली तिहार को राज्य स्तर पर व्यापक स्वरूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। ‘हरेली’ छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्व है जोकि आधुनिकता के साथ लुप्तप्राय हो रहा था। पिछले तीन सालों से इस त्यौहार को पूरी गरिमा और लोक-परंपरा के अनुसार मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी अस्मिता के पुनरुत्थान के नायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की संस्कृति से प्रेम करने वाले हर छत्तीसगढ़ी नागरिक के प्रयासों का परिणाम है कि अब युवा पीढ़ी भी इस त्यौहार का महत्व समझ रही है और इस पर गर्व महसूस कर रही है।

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हरेली को युवाओं के मध्य और लोकप्रिय बनाने और इससे जुड़ी मान्यताओं से जन-मानस को रूबरू करवाने के उद्देश्य से लोगों से हरेली से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो #MorHareli हैशटैग के साथ शेयर करने की अपील की गई है। इस संबंध में #MorHareli प्रोफ़ाइल फोटो फ्रेम भी जारी किया गया है, जारी की गयी लिंक twb.nz/morhareli पर जाकर आप खुद की #MorHareli प्रोफ़ाइल फोटो तैयार कर विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर #MorHareli हैशटैग के साथ साझा कर सकते हैं। (Hareli Tihar Profile Photo)

हरेली में इस बार भी मुख्यमंत्री निवास में रहेगी रौनक

हर साल की तरह इस साल भी हरेली तिहार पर मुख्यमंत्री निवास में रौनक देखने को मिलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसान भाईयों के साथ इस पर्व को धूमधाम से मनाएंगे। प्रदेश के इस पावन पर्व पर राज्य सरकार कई नवाचारों का भी आगाज करेगी। छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपरा के साथ पर्यावरण के महत्व को भी दर्शाता है। इस दिन किसान कृषि कार्य में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों और औजारों की सफाई कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। कृषक परिवारों में तरह-तरह के छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाए जाते हैं। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद से हरेली पर्व को लेकर प्रदेशवासियों में उत्साह और बढ़ गया है। इसका कारण यह है कि राज्य सरकार ने हरेली पर्व से लोगों के जुड़ाव को देखते हुए इस दिन अवकाश की घोषणा कर दी है, ताकि लोग पूरे आनंद के साथ इस पर्व को मना सके और सरकार की मंशा के अनुरूप ऐसा हो भी रहा है। अब हरेली पर्व पर गांव की गलियों और चौपाल से लेकर शहरी क्षेत्रों में भी लोग परंपरा के अनुरूप नारियल फेंक प्रतियोगिता गेड़ी चढ़ते देखे जा सकते हैं, वहीं महिलाएं सुआ, कर्मा, ददरिया, फुगड़ी करते दिखती हैं। (Hareli Tihar Profile Photo)

कई नवाचारों का होगा आगाज

हरेली त्योहार को लेकर लोगों में उत्साह बढ़ने का एक और कारण यह है कि अब इस पर्व को प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप बड़े स्तर पर मनाया जाने लगा है, जिसमें खुद मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्री शामिल होते हैं। हर साल मुख्यमंत्री निवास में बड़ा आयोजन किया जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसान भाइयों और आम जनता के साथ शिरकत करते हैं। मुख्यमंत्री बघेल परंपरागत तरीके से कृषि उपकरणों और औजारों के साथ गाय-बैल की भी पूजा-अर्चना करते हैं। इस साल भी हरेली पर्व पर मुख्यमंत्री निवास में इस तरह के आयोजनों की जोर-शोर से तैयारी चल रही है। (Hareli Tihar Profile Photo)

कई नए कल्याणकारी काम होंगे शुरू

हरेली के पावन पर्व पर परंपरागत आयोजनों के अलावा इस साल भी राज्य सरकार के कई नए कामों का आगाज होने वाला है।

गौमूत्र की खरीदी शुरू करेगी सरकार

राज्य सरकार गोधन न्याय योजना के तहत अब गोबर के अलावा गौमूत्र की खरीदी भी हरेली पर्व से शुरू करने जा रही है। इस पर्व पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के करसा गांव से गौमूत्र की खरीदी का शुभारंभ करेंगे। राज्य सरकार चार रूपये प्रति लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी करेगी। जिस तरह से गोबर से जैविक खाद बनाकर बेचा जा रहा है, उसी तरह से गौमूत्र से जैविक कीटनाशक बनाकर गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से बेचा जाएगा।

मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की होगी शुरूआत

राज्य महिला आयोग की पहल पर हरेली पर्व से प्रदेश की महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों की जानकारी देने तथा जागरूक करने के लिए ‘मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा‘ की भी शुरूआत की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिलों और गांवों तक संदेश पहुंचाने ‘मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ‘ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। सबसे पहले दुर्ग जिले से रथ अपनी यात्रा शुरू करेगा। 

गांव-गांव पहुंचेगा न्याय रथ, देगा कानूनी जानकारी 

मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ शुरूआत में खनिज न्यास निधि प्राप्त करने वाले नौ जिलों दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव, बलौदाबाजार-भाटापारा, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर में जाएगा। इसके बाद रथ प्रदेश के बाकी बचे जिलों के भ्रमण पर जाएगा। ‘‘बात हे अभियान के महिला मन के सम्मान के’’ सूत्र वाक्य के साथ यह यात्रा शुरू होगी। रथ में लगी एलईडी स्क्रीन के मााध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने शॉर्ट फिल्म दिखाई जाएगी। रथ में दो अधिवक्ता भी होगे जो महिलाओं की समस्याओं का समाधान करने के साथ उनसे आवेदन भी लेंगे, ताकि महिला आयोग के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस अभियान के तहत महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता दी जाएगी। इससे पहले भी महिला आयोग ने वाट्सएप नंबर +91-9098382225 जारी किया है, जिसके माध्यम से भी महिलाएं आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

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