रायपुर। छत्तीसगढ़
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नए नियम जारी किए हैं, जिसके मुताबिक राज्यों की एजेंसियों को ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन से संबंधित अपराध होने के 15 दिनों के अंदर अपराधी को नोटिस भेजना होगा। साथ ही चालान के निपटान तक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को रखना होगा। यानी ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर अब पुलिसकर्मी सिर्फ फोटो खींचकर आपके पास चालान नहीं भेज पाएंगे। अब चालान करने के लिए उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जरूरत पड़ेगी।
परिवहन मंत्रालय ने दी जानकारी
राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि अधिसूचना में उल्लिखित 132 शहरों सहित कम से कम 10 लाख से अधिक आबादी वाले प्रमुख शहरों में ऐसे उपकरणों को राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और महत्वपूर्ण जंक्शनों पर उच्च-जोखिम/उच्च-घनत्व वाले गलियारों में रखा जाए।
अपराध की सूचना अपराध के घटित होने के पन्द्रह दिनों के भीतर भेजी जाएगी और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से एकत्र किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को चालान के निपटान तक संग्रहीत किया जाना चाहिए।
इन राज्यों में लगेंगे डिजिटल उपकरण
उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी समेत 17 शहर, मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत 7 शहर, राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, कोटा समेत 5 शहर, महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, नागपुर समेत 19 शहर, झारखंड के रांची, जमशेदपुर समेत 3 शहर, गुजरात के सूरत, अहमदाबाद समेत 4 शहर, बिहार में पटना, गया समेत 3 शहर के अलावा दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिशा, मेघालय, नागालैंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के मिलाकर 132 शहरों में डिजिटल उपकरण लगेंगे।
इन स्थितियों में चालान के लिए रिकॉर्डिंग अनिवार्य
1. ओवर स्पीडिंग करना
2. गलत जगह गाड़ी पार्क करना
3. ड्राइवर या पिछली सीट की सवारी द्वारा नियमों का उल्लंघन
4. टू व्हीलर पर हेलमेट न पहनना
5. रेडलाइट जंप करना
6. गाड़ी चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल
7. ओवर लोडिंग
8. सीट बेल्ट न लगाना
9. माल वाहन में सवारी ढोना
10. नंबर प्लेट खराब या छिपी होना
11. गाड़ी में अधिक ऊंचाई तक माल लोड होना।