Chhattisgarh : फर्जी अंकसूची से नौकरी पाने वाला कर्मचारी शासकीय सेवा से हुआ बर्खास्त

Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के बिलासपुर जिले में आज फर्जी अंकसूची दिखाकर सरकारी नौकरी पाने वाले कर्मचारियों पर बड़ी कार्यवाही की गई है। ऐसे कर्मचारी जिन्होंने फर्जी अंकसूची दिखाकर सरकारी नौकरी हथियाई थी, उन्हें नौकरी से निकल दिया गया है। यह मामला राज्य सरकार (Chhattisgarh News) के आयुर्वेद विभाग के अंतर्गत कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है।

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कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में औषधालय सेवक के पद पर प्रदीप कुमार माथुर पिता जमुना प्रसाद माथुर ने वर्ष 2013 में फर्जी अंकसूची के जरिए नौकरी पाई थी। उन्होंने नौकरी के लिए दिये गये आवेदन में पूर्व माध्यमिक समतुल्यता प्रमाण पत्र परीक्षा 2008 की शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। उनका रोल नम्बर 58564 था और उन्हें पूर्णांक 500 में 485 अंक हासिल किये थे। उनकी मार्कशीट को जारी करने वाली संस्था जिला परियोजना अधिकारी जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण कोरबा से सत्यापन कराया गया। उनकी रिकार्ड में उक्त नाम एवं रोल नम्बर दर्ज नहीं होने के कारण उन्होंने मार्कशीट को फर्जी करार दिया।

लिहाजा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के अनुसार आरोप सिद्ध होने पर जिला आयुर्वेद अधिकारी ने 21 नवम्बर को प्रदीप कुमार माथुर को शासकीय सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।

Chhattisgarh News : बिहार में भी हो चूका ऐसा मामला

भारतीय डाक विभाग में 10वीं की फर्जी अंकसूची लगाकर बालाघाट व सिवनी जिले में नौकरी पाने वाले चार युवकों को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार चार युवक बिहार के हैं जबकि एक राजस्थान निवासी है, जो कि फरार है। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपितों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

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बालाघाट प्रधान डाकघर से कुल 593 पदों पर दसवीं केआधार पर भर्तियां निकली थीं। पांचों युवकों ने 40 हजार से लेकर 80 रुपये तक देकर कक्षा दसवीं की फर्जी अंकसूची बनाकर आवेदन दिया और बालाघाट व सिवनी जिले में नौकरी भी पा ली। लेकिन उनका यह फर्जीवाड़ा दस्तावेजों की जांच में सामने आ गया। दो युवकों ने दिल्ली बोर्ड व दो ने चेन्नई बोर्ड की फर्जी अंकसूची बनवाई थी।

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