67वीं राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता में छाया छत्तीसगढ़, वॉलीबॉल स्पर्धा में बालक और बालिका दोनो वर्गों में जीता गोल्ड मेडल

राजनांदगांव : स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित 67वीं राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता का रविवार को समापन हो गया। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद, राजनांदगांव संतोष पाण्डेय ने की।

14 वर्ष बालक और 17 वर्ष बालिका कैटेगरी में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। दोनों ही वर्गों में छत्तीसगढ़ की टीम विजयी रही। गोल्ड मेडल और ट्रॉफी अपने नाम की। बृजमोहन ने विजेता टीम को पदक प्रदान किया। बृजमोहन अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि, यह खुशी की बात है कि, राष्ट्रीय स्तर कि प्रतियोगिता का आयोजन राजनांदगांव में किया गया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। हम देशभर से आए सभी खिलाड़ियों का छत्तीसगढ़ की धरती पर हार्दिक स्वागत करते हैं।

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इससे पूरे छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में एक अलग पहचान मिलेगी। राजनांदगांव साहित्य, संस्कृति और खेल की त्रिवेणी संस्कारधानी रही है जिसने हमेशा ही खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया है। साथ ही विभिन्न खेलों में अनेक प्रतिभाओं को तराश कर आगे लाने का भी गौरव प्राप्त किया है। राजनांदगांव हॉकी की नर्सरी है जिसके एरमन बेस्टीयन एवं रेणुका यादव जैसी प्रतिभाओं ने ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया है।

देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया के माध्यम से देश में फिर से खेलों के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। मोदी जी का मानना है कि अगर बच्चे खेलेंगे तो शारीरिक के साथ-साथ वह मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे। वह पढ़ाई लिखाई में भी आगे रहेंगे और देश की सेवा करेंगे। क्योंकि अगर कोई जगह हमको सबसे ज्यादा सीखा सकती है। तो वह है खेल का मैदान। खेल के मैदान से ही हमारे अंदर अनुशासन, संघर्ष और कर्तव्य की भावना आती है। जो हमारे जिंदगी के लिए जरूरी है। उन्होंने ये भी कहा कि, यह पवित्र धरती धर्म और आस्था का भी केंद्र है यहां पर डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी देवी विराजमान है। इसके साथ ही राजनांदगांव से डॉक्टर रमन सिंह ने 15 साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे और पूरे देश में छत्तीसगढ़ को एक अलग पहचान दिलाने में कामयाबी हासिल की।

राजनांदगांव साहित्य के क्षेत्र गजानंद माधव मुक्ति बोध, डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी और डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र जैसी विभूतियों की कर्मभूमि रही है। जो छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। 4 दिनों तक चली इस प्रतियोगिता में देश भर से 14 वर्ष बालक और 17 वर्ष बालिका कैटेगरी की 30 टीमों के 324 बालक व 360 बालिकाओं ने हिस्सा लिया ।
प्रतियोगिता में शामिल टीमों ने मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मार्च पास्ट कर सलामी दी।
महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय विद्यालय और एकलव्य आवासीय विद्यालय, पेंडरी राजनांदगांव की छात्रों ने पारंपरिक छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य की प्रस्तुति दी जिसने ने सभी का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम ने कुल 684 प्रतिभागियों के साथ ही अधिकारी, कोच, मैनेजर 150 प्रतियोगिता में कुल 834 अतिथि खिलाड़ी और अधिकारी शामिल हुए। समारोह में खूबचंद पारेख , राजेंद्र गोलछा, गीताघासी साहू, विनोद खांडेकर, मीनल चौधरी, प्रतीक्षा भंडारी, शिव वर्मा, अशोक चौधरी, हर्ष रामटेका, तरुण लहरवानी, राधेश्याम गुप्ता, विवेक गुप्ता, कलेक्टर संजय अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी राजेश सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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