मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शपथ ग्रहण के पहले दो महान विभूतियों को किया नमन

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रणेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnu Dev) ने आज शपथ ग्रहण के पहले राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वाले दो महान विभूतियों को नमन किया। मुख्यमंत्री साय ने सवेरे अवंती विहार एटीएम चौक स्थित छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रणेता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रध्दासुमन अर्पित किया। इसके बाद मुख्यमंत्री साय जय स्तंभ चौक पहुंचे और छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके मातृभूमि के प्रति समर्पण और बलिदान को नमन किया।

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उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के दृढ़ इच्छाशक्ति से छत्तीसगढ़ के लोगों की लंबे समय से चली आ रही अलग राज्य की मांग पूरी हुई। वाजपेयी के प्रयासों से मध्यप्रदेश से अलग होकर 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया। अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1990 में ही तय कर दिया था कि छत्तीसगढ़ को राज्य बनाना है। वाजपेयी छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति और वन संपदा से बेहद लगाव रखते थे। बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य की मांग 1965 से ही शुरू हो गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पूरा किया। (Chief Minister Vishnu Dev)

छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर देने वाले आदिवासी जन-नायक थे। उनका जन्म 1795 में सोनाखान के जमींदार परिवार में हुआ था। 1857 के स्वतंत्रता समर में मातृभूमि के लिए मर मिटने वाले शहीदों में छत्तीसगढ़ के आदिवासी जन-नायक, वीर नारायण सिंह का नाम सर्वाधिक प्रेरणास्पद है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होने छत्तीसगढ़ की जनता में देश भक्ति का संचार किया। उन्होंने सन् 1856 के भीषण अकाल के दौरान गरीबों को भूख से बचाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कठिन संघर्ष किया।

अंग्रेजों विरुद्ध उन्होंने बंदूकधारियों की सेना बनाई और जबरदस्त मोर्चाबंदी कर वीरता पूर्वक संघर्ष किया। अंग्रजों द्वारा कूटनीति से आपको कैद कर मुकदमा चलाया और 10 दिसम्बर 1857 को फांसी दे दी। मातृभूमि और लोगों के लिए शहीद वीर नारायण सिंह का संघर्ष आज भी याद किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा उनकी स्मृति में आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग में उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान भी दिया जाता है। (Chief Minister Vishnu Dev)

 

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