
छत्तीसगढ़ न्यूज।
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो यानी [एनसीआरबी] ने देश के महानगरों में आर्थिक अपराध के पंजीबद्ध मामलों का जो ब्योरा जारी किया है, उससे प्रदेश की ऐसी तस्वीर उभरकर सामने आई है। जिसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे।
प्रदेश में अलग-अलग तरह से ठगी जैसे अमानत में खयानत, चार सौ बीसी, चीटिंग, धोखाधड़ी के मामले आए दिन सामने आते हैं। ऐेसे बहुत से मामलों की पुलिस थानों रिपोर्ट की जाती है, लेकिन जानकार बताते हैं कि बड़ी संख्या में ऐसे भी मामले होते हैं, जिनमें पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई जाती।
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जो अपराध पुलिस थानों में दर्ज किए जाते हैं, उनका साल-दर-साल का ब्योरा नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को भेजा जाता है। वहां से देशभर के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में घटित होने वाले सभी तरह के अपराधों की संख्या, प्रकृति और तुलनात्मक आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है।छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शहर रायपुर और इसमें अगर भिलाई-दुर्ग को भी शामिल कर लिया जाए तो ये देश के किसी महानगर से कम नहीं हैं।
देश के 34 महानगरों में शामिल रायपुर, दुर्ग-भिलाई
एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें देश के 34 महानगरों को शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, तथा पड़ोसी दुर्ग और भिलाई को मिलाकर दूसरे महानगर के रूप में शामिल किया गया है। इन तीनों शहरों को मिलाकर देखने पर ये देश के किसी भी महानगर के मुकाबले में हैं।
एक साल में 483 मामले
रायपुर, दुर्ग और भिलाई में वर्ष 2019 में आर्थिक अपराध के कुल मामलों की संख्या 483 है। रायपुर में 335 तथा दुर्ग, भिलाई में 148 मामले दर्ज किए गए हैं। इसी तरह पिछले तीन साल यानी 2017, 2018, 2019 के आंकड़ों को देखा जाए तो इन दोनों शहरों में तीन साल में कुल 512 केस दर्ज हुए।
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तीन साल में क्रमश: 295, 373, 335 मामलों के साथ कुल मामलों की संख्या 1003 पर पहुंची। कुल मिलाकर तीन साल में रायपुर, दुर्ग, भिलाई में आर्थिक अपराधों से संबंधित 1515 मामले दर्ज किए गए हैं। देश के 34 महानगरों में इन तीन साल में कुल मिलाकर औसतन साढ़े 12 हजार के आसपास मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 2017 में 12 हजार 153, 2018 में 12 हजार 339, 2019 में 13 हजार 561 केस दर्ज हुए हैं।