Diwali 2022 : इस साल दिवाली के बीच आया सूर्य ग्रहण, जानिए त्यौहार की सही तारीख

Diwali 2022 : दिवाली (Diwali 2022) की तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं। लक्ष्मी जी के स्वागत के लिए घरों में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। घरों को सजाया जा रहा है। साफ सफाई की जा रही है। हिंदू धर्म कार्तिक मास का विशेष महत्व है। इसी माह में दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस बार दिवाली (Diwali 2022) और पंचपर्वों की डेट को लेकर कुछ कन्फ्यूजन या संशय की स्थिति देखी जा रही है।

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Diwali 2022: लक्ष्मी पूजा के बाद सूर्य ग्रहण

हिंदू धर्म के सभी व्रत और त्योहार वैदिक पंचाग के अनुसार ही तय होते हैं। इस बार सौर मण्डल में ग्रहों का भ्रमण और चाल ऐसी बनी है कि दिवाली एक दिन पहले और गोवर्धन पूजा भी दिवाली के एक दिन बाद की जाएगी। ऐसा इसलिए कि तिथियों का संयोग और उस पर सूर्य ग्रहण के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है।

Diwali 2022: 24 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन

रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी का पर्व मनाएं। जो 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी। इस दिन यमराज के लिए दीपदान किया जाता है। अमावस की निशा रात्रि में दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। 24 अक्टूबर 2022 की शाम 5 बजकर 27 मिनट पर अमावस्या प्रारंभ हो जाएगी। जो अगले दिन यानी 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी।

इस वर्ष दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण से अन्नकूट 26 अक्तूबर को होगा। भाई दूज भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है। यह पर्व 27 अक्तूबर को मनाया जाएगा।

दिवाल पर क्यों जलाए जाते हैं दीपक

दिवाली के दिन मिट्‌टी के दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। मिट्‌टी का दीपक पंचतत्वों से मिलकर बनाता है। जो घर और आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

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ऋग्वेद के अनुसार दीपक में देवताओं का तेज रहता है। इसकी रोशनी से यश और प्रसिद्धि प्राप्त होती है। सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। दिवाली मां लक्ष्मी की हर घर में पूजा होती है। इसलिए इस दिन घर का कोई भी कोना अंधेरे में नहीं रखना चाहिए। क्योंकि धन की देवी वहीं विराजमान होती हैं जो घर प्रकाशवान हो।

कई लोग दिवाली की पूरी रात एक दीपक प्रज्वलित कर रखते हैं ताकि मां लक्ष्मी स्थिर हो जाएं। कहते हैं ऐसा करने पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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