Amritpal Singh was arrested
Amritpal Singh arrested: भगोड़े खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी हो गई है। उसे पंजाब पुलिस ने मोगा के गांव रोडेवाल से पकड़ा है। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है। अमृतपाल सिंह के सरेंडर किए जाने की खबरें आई थीं लेकिन पंजाब पुलिस ने इससे इनकार किया है।
आईजी पंजाब पुलिस मुख्यालय सुखचैन सिंह गिल ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि अमृतपाल सिंह ने सरेंडर नहीं किया है बल्कि उसकी गिरफ्तारी (Amritpal Singh was arrested) की गई है। पुलिस सूचना के बाद वहां पहुंची थी लेकिन वह गुरुद्वारे के अंदर था इसलिए पुलिस वहां नहीं जा सकती थी। गुरुद्वारे की पवित्रता के लिए पुलिस ने चारो तरफ से घेराबंदी करके उसके बाहर आने का इंतजार किया और उसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा, ‘‘पंजाब पुलिस ने उसे (अमृतपाल को) गिरफ्तार कर लिया है। ” पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उस पर रासुका लगा हुआ है और उसे डिब्रूगढ़ ले जाया जाएगा” पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ पहले ही सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया हुआ है। पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था।
#AmritpalSingh arrested in Moga, Punjab.
Further details will be shared by #PunjabPolice
Urge citizens to maintain peace and harmony, Don't share any fake news, always verify and share.
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) April 23, 2023
सीएम खुद कर रहे थे अमृतपाल की गिरफ्तारी के आपरेशन की मॉनिटरिंग
अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर जो ऑपरेशन चलाया गया, उसकी मॉनिटरिंग सीएम भगवंत मान खुद कर रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने पुलिस को स्पेशल स्पेशल हिदायत दी थी कि किसी भी तरह से माहौल खराब नही होना चाहिए। सूत्रों की माने तो जैसे पुलिस को यह सूचना मिली थी कि अमृतपाल रोडे गांव में है तो इस बारे में सीएम को अवगत कराया गया था। साथ ही पुलिस के सीनियर अफसर रोडे गांव पहुंच गए थे। डीजीपी के द्वारा सीएम को पल पल के के बारे में अपडेट किया गया।
36 दिनों से फरार था अमृतपाल
वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह कई दिनों से फरार था। इसलिए उसकी तलाश में सर्च अभियान चल रहा था। अमृतपाल को पकड़ने के लिए पुलिस ने आम जनता से भी सहयोग मांगा था। पुलिस की तरफ से कहा गया था कि अमृतपाल सिंह की सूचना देने वाले को उचित इनाम दिया जाएगा और उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
विदेश से फंडिंग मिलने का शक
अमृतपाल के लिंक ISI के साथ जुड़े होने के प्रारंभिक संकेत मिलने के बाद केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई थी। अमृतपाल को विदेश से फंडिंग मिलने का शक है। उसके महंगी गाड़ियों में सफर करने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि अमृतपाल सिंह अपनी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के जरिए पाकिस्तान से हथियार मंगवा रहा है और पंजाब को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रहा है।