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राशिफल रविवार 24 अक्टूबर 2021 : सुखी जीवन के लिए करें यह उपाय, क्या कहती हैं आपकी राशि, जानें अपना राशिफल

राशिफल रविवार 24 अक्टूबर 2021 : सुखी जीवन के लिए करें यह उपाय : दान, भोजन (मन्त्र हिन्दू एवं जैन धर्म ) राशिफल 24अक्टूबर 2021, कार्तिक कृष्ण पक्ष, वैदिक मास-उर्जा, शरद ऋतु, दक्षिणायन सूर्य, दिन- रविवार। तिथि- चतुर्थी। चन्द्र राशी –वृष। व्रत- कार्तिक स्नान, करवा चौथ –चन्द्र पूजा, संकष्टी चतुर्थी-गणेश पूजा। कार्य सिद्ध सफल योग –नहीं। पंचक-नहीं, भद्रा –नहीं।

वर्षा योग प्रबल -कही आंशिक एवं कही प्रबल वर्षा योग (17-27अक्टूबर) : भारत के मध्य एवं दक्षिण में एवं मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र , पश्चमी  भाग में एवं अन्य प्रदेशों के दक्षिणी, पर्वतीय एवं केरल बंगलौर में वर्षा योग 20 तक प्रबल इसके बाद भी वर्षा योग मंगल ग्रह के कारण 27 अक्टूबर तक बने रहेंगे। तापमान में विगत 03 वर्षों की तुलना में अक्टूबर माह में न्यूनता या गिरावट रहेगी।

“भविष्य – 11सितम्बर से मध्यनवम्बर तक  –“क’ “अ” “ग” “स” “र” “ल” अक्षर से प्रारंभ व्यक्ति, वस्तु, स्थान, संस्थान, प्रदेश, देश के लिए उत्तरोत्तर असुविधा, व्यय, कष्ट, आकस्मिक विपदा पूर्ण रहेगा। राशी एवं लग्न कोई हो प्रचलित नाम के प्रभाव होगे, इसलिए सूर्य, चन्द्र की उपासना, दान या सुयोग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर  सही दिशा में उपाय आवश्यक एवं उपयोगी सिद्ध होंगे।”

मंगल ग्रह प्रभाव -31 को मंगल ग्रह स्वाति  नक्षत्र में प्रवेश करेगा, इसके अनावृष्टि के प्रभाव, तापमान में वृद्धि प्रभाव दृष्टिगोचर होंगे। 31 अक्टूबर तक- संगीत, नृत्य, अभिनय, शिल्प, कला, व्यवसाय से जुड़े वर्ग के लिए एवं ब्राह्मण  के लिए अशुभ समय होगा।

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राशिफल रविवार 24 अक्टूबर 2021

मेष राशि (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.

यह माह का अच्छा समय है। यह समय इच्छापूर्त्ति, लक्ष्यप्राप्ति का है। सांसारिक व भौतिक सुख प्राप्त करने का है। यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं तो यही उपयुक्त समय है। सफलता निश्चित है। दिन अनुकूल होने के कारण आप व आपका परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे। यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है। आप सम्मान, पदोन्नति एवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं । इस समय आप सत्ता/पद का उपभोग सुख उठा सकते  हैं।

वृष राशि (Taurus) – ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो.

मन पसन्द इच्छित भोजन का आनन्द मिलने का योग है। आपको सुस्वादु मनचाहा भोजन, सुविधापूर्वक उपलब्ध होगा। आपको शारीरिक सुख-साधन, उत्तम वस्त्र व सुगंध तथा अन्य इच्छित सांसारिक वस्तुएं मिलेंगी। इस समय सर्वोत्तम मित्र व परिचित मिलेंगे। आपके पारिवारिक जीवन में भी में अधिक आनन्द होगा। प्रेम या दाम्पत्य जीवन में आप अपने साथी के प्रेम में वृद्धि की आशा कर सकते हैं।  सौभाग्य, सुख व उच्चतम सम्मान इस अवधि की विशेषता है। आपके व परिवार के लिए रोगों से मुक्त रहने सुयोग है। जीवन में सुख शान्ति का मनोभाव संतोष प्रदान करेगा।

मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, घ, ड, छ, के, को, ह.

विशेष रुप से धन की हानि, व्यय या विनियोजन के योग है। अपने व्यय पर विशेष ध्यान देने रखें। आप लोगों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें। इन दिनों आप कोई परामर्श,बीच वचाव या विवाद में भी न पड़ें। व्यर्थ में झगड़े की संभावना है। असावधानी अहम को ठेस पहुँचा सकती है। कार्यालय में बाधाएं आ सकती हैं। आप अविचलित रहें, क्योंकि ये शीघ्र ही निकल जाएंगी।

कर्क राशि (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो.

यह माह का अच्छा समय है। यह समय इच्छापूर्त्ति, लक्ष्यप्राप्ति का है। सांसारिक व भौतिक सुख प्राप्त करने का है। यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं तो यही उपयुक्त समय है। सफलता निश्चित है। इस काल के अनुकूल होने के कारण आप व आपका परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे। यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है। आप सम्मान, पदोन्नति एवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं। इस समय आप सत्ता में अधिकारी के पद पर आसीन हो सकते हैं।

सिंह राशि (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे.

मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य से सम्बन्धितनकारात्मक परिणामों का सूचक है। परिवार के किसी सदस्य अथवा सम्बन्धी के स्वास्थ्य पर व्यय या व्यस्तता का कारण बन सकता है। मानसिक रुप से आप अशांत व आस-पास के व्यक्तियों के व्यवहार केप्रति असंतुष्ट, अप्रसन्न या सशंकित रह सकते हैं। आप विवाद, विषाद, चिंता, तनाव व मानसिक संतापको दूर रखने का भरसक प्रयास करें। आर्थिक दृष्टि से यह कठिन समय है। खर्चे बढ़ सकते हैं। आपको आत्मीयजनों से मधुर सम्बन्ध बनाए रखने मेंसतर्कता बरतनी है। परचितों या परिवार द्वारा परस्पर विरोध, विवाद की दुस्थिति निर्मित हो सकती है।

कन्या राशि (Virgo) – टो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो.

कुछ मिले- जुले,सुख-दुख,सफलता-असफलता के परिणाम का दिन है। व्यापार में लाभप्रद लेन-देन सम्पन्न करने में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं। यात्रा हेतु हरी झंडी मिलने से पहले आपको कुछ बाधाएं पार करनी होंगी। अपने कार्य इच्छानुसार पूरे न कर पाने के कारण आप मानसिक रुप से अशांत खिन्न रहने की तुलना मे पूर्व जन्म कृत स्व कर्म का भोग मान कर धैर्य रखिए। वित्तीय दृष्टि से भी अपके लिए ये कठिन समय है। आपको हानि हो सकती है। धन व्यय करने पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। निराशा जीवन को अकर्मण्य बना सकती है। व्यवहार मे विशेष सावधान रहें।

तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते.

असुविधा, असहयोग, समन्वयहीन, अपेक्षा के विपरीत स्थिति का समय है। किसी शुभ समाचार की आशा मत कीजिए। सूचना भी सत्यता से परे हो सकती हैं। यह रोजमर्रा के जीवन में परेशानियों व बाधाओं का दिन है। आर्थिक दृष्टि से भी यह काल लाभ पूर्ण नहीं है। आपको धन वसूली में कठिनाई आ सकती है। अपने वरिष्ठ व उच्चाधिकारी से कार्यालय में किसी भी प्रकार की असहमति अथवा विवाद से बचें।  स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। पाचन तंत्र व श्वसन तंत्र में समस्या हो सकती है। व्यर्थ की चिन्ता न करे।

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वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.

सकारात्मक परिवर्तन होंगे। यह समय सुख व कार्यों में सफलता का द्योतक है। आर्थिक दृष्टि से भी यह समय आपके लिए शुभ है। अटका हुआ पैसा पुन: प्राप्त हो सकता है। आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में भी सहायक होगी। प्रेम संबंध सुख या नए मित्र हेतु यह दिन अनुकूल है। दाम्पत्य जीवन में सुख समन्वय रहेगा। आपको आमोद-प्रमोद के अवसर भी मिलेंगे। संतान आपके जीवन के सुख में और अधिक वृद्धि करेगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मन की शान्ति होगी। पुरुष वर्ग हेतु विशेष या तुलनात्मक अधिक बाधक।

धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, भ, भी, भू, ध, फ, ढ, भे.

मनोबल उत्तम रहेगा। राजनीति एवं जनसम्पर्क सेलाभ सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य बाधा का योग रहेगा। राजनीति में विरोधी पराजित होंगे। आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। आपके द्वारा किये गए कार्य यश दिलवाएंगे। धन के क्षेत्र में अनुकूल स्थितियां बनेंगी। सफलता के योग अच्छे हैं।

मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, ग, गी.

कुछ मिले- जुले, सुख-दुख, सफलता-असफलता केपरिणाम का दिन है। व्यापार  मे लाभप्रद लेन-देन सम्पन्न करने में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं। यात्रा हेतु हरी झंडी मिलने से पहले आपको कुछ बाधाएं पार करनी होंगी। अपने कार्य इच्छानुसार पूरे न कर पाने के कारण आप मानसिक रुप से अशांत खिन्न रहने की तुलना मे पूर्व जन्म कृत स्व कर्म का भोग मान कर धैर्य रखिए। वित्तीय दृष्टि से भी अपके लिए ये कठिन समय है। भाग्य की समस्या रहेगी। शरीर स्वस्थ रहेगा। लाभ की स्थिति उत्तम है। स्थाई लाभ की योजना बनेगी।आर्थिक खर्च बढ़ेगा।

कुंभ राशि (Aquarius)– गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द.

आपकी  ख्याति एवं यश,प्रतिष्ठा वृद्धि का समय हैं। यह दिन धन की दृष्टि से भी सौभाग्यपूर्ण है। बकाया प्राप्ति, या व्यवसाय मे धन की प्राप्ति होने के योग हैं। प्रयास के परिणाम आशा के अनुकूल ही रहेंगे। आर्थिक लाभ की आप आशा कर सकते हैं। घर के लिए भी यह समय सुख से परिपूर्ण है। आपको रुचि पूर्ण  उत्तम भोजन, वस्त्र सुख योग है।

मीन राशि (Pisces) – दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची.

विशेष रुप से धन की हानि, व्यय या विनियोजन के योग  है। अपने व्यय पर विशेष ध्यान देने रखें। आप लोगों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें। आप कोई परामर्श, बीच वचाव या विवाद में भी न पड़ें। व्यर्थ में झगड़े की संभावना है। असावधानी अहम को ठेस पहुँचा सकती है। कार्यालय में बाधाएं आ सकती हैं।

तिथि दोष शमन उपाय

बाल नाख़ून काटना, बेल पत्र तोडना, नमक ,मूली, व्यंजन एवं उत्पाद का प्रयोग नहीं करे। हलवा भोजन में ले।

कार्य के पूर्व – गणेश का पूजन करना चाहिए। इससे सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। -ॐगं गणपतये नम:। तुला एवं मकर राशी वाले बाधा नाश के लिए उपाय उपयोगी होगा।

सफलता के लिए : नक्षत्र कृत अरिष्ट नाशक मंत्र

पौराणिक मंत्र :

प्रजापतीश्वतुर्बाहुः कमंडल्वक्षसूत्रधृत् l

वराभयकरः शुध्दौ रोहिणी देवतास्तु मे ll

नक्षत्र देवता मंत्र  : अ) ॐ ब्रम्हणे नमःlआ) ॐ प्रजापतये नमःllनक्षत्र मंत्र :- ॐ रौहिण्यै नमःl

वेद मंत्र  : ॐ ब्रहमजज्ञानं प्रथमं पुरस्ताद्विसीमत: सूरुचोवेन आव: सबुधन्या उपमा

अस्यविष्टा: स्तश्चयोनिम मतश्चविवाह (सतश्चयोनिमस्तश्चविध:)

नक्षत्र-दोष शमन  : ॐ यमायत्वा मखायत्वा सूर्य्यस्यत्वा तपसे देवस्यत्वा सवितामध्वानक्तु पृथ्विया स गवं स्पृशस्पाहिअर्चिरसि शोचिरसि तपोसी।

पौराणिक मंत्र :
पाशदण्डं भुजव्दयं यमं महिष वाहनमl
यमं नीलं भजे भीमं सुवर्ण प्रतीमागतम्ll
नक्षत्र देवता मंत्र :ॐ यमाय् नमःl
नक्षत्र मंत्र :ॐ अपभरणीभ्यो नमःl

सफलता के लिए

ओम सप्त तुरंगाय विद्महे सहस्त्र किरणाय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात्। आपो ज्योति रस अमृतम। परो रजसे सावादोंम। आपो ज्योति रस अमृतं। परो रजसे सावदोम।

जैन मंत्र-

’ऊँ ह्रीं अर्हं सूर्य ग्रहारिष्ट निवारक। श्री पद्म प्रभु जिनेन्द्राय नमः सर्वशांतिं कुरू कुरू स्वाहा। मम (अपना नाम) दुष्टग्रहरोगकष्टनिवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।)

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