MBBS in Ukraine : जानिए क्यों मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन जाना पसंद करते हैं भारतीय छात्र

MBBS in Ukraine : भारत सरकार लगातार ऑपरेशन गंगा के जरिए वहां फंसे छात्रों को देश वापस बुलाने के लिए फ्लाइट संचालित कर रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर भारतीय छात्र मेडिकल (MBBS in Ukraine) की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन जाना क्यों पसंद करते हैं।

यूक्रेन के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, देश में फिलहाल 18,095 भारतीय छात्र हैं। 2020 के डाटा की मानें तो यूक्रेन के विदेशी छात्रों में लगभग 24% भारतीय थे। ऐसा इसलिए है क्योंकि मेडिसिन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के मामले में यूक्रेन यूरोप में चौथे नंबर पर आता है।

कम कीमत पर मिलती है अच्छी शिक्षा

यूक्रेन में कुछ ऐसी सरकारी यूनिवर्सिटी हैं जो कम कीमत पर अच्छी क्वालिटी की पढ़ाई कराती हैं जबकि भारत में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई का खर्चा काफी ज्यादा आता है। इस हालत में यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज उन छात्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं जो न भारत में सरकारी कॉलेजों में सीट हासिल कर पाते हैं और न ही महंगे प्राइवेट कॉलेजों की फीस भर पाते हैं।

नहीं देना पड़ता कोई एंट्रेंस एग्जाम

यूक्रेन में वो छात्र भी जाना पसंद करते हैं जिनके भारतीय पब्लिक इंस्टीट्यूशन में जाने लायक अच्छे ग्रेड नहीं हैं। इसके अलावा, यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम भी नहीं देना पड़ता। उन्हें इंग्लिश में दिशा-निर्देश मिलते हैं जिसकी वजह से भारतीय छात्रों को विदेशी भाषा की भी कोई दिक्कत नहीं होती है।

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भारत में प्रैक्टिस करने का लाइसेंस

जो भी छात्र विदेश से MBBS की डिग्री लेकर आया है, उसे भारत में मेडिकल की प्रैक्टिस करने का लाइसेंस पाने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (FMGE) से गुजरना होगा। रिपोर्ट्रस की मानें तो, हर साल भारत में यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करके लौटे छात्रों में से 4000 FMGE का टेस्ट देते हैं जिनमें से केवल 700 पास होते हैं।

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