दूसरी पत्नी की मौत के बाद सिर्फ 92 दिन तक ही जिंदा रह पाए मुलायम, उसी अस्पताल में ली अंतिम सांस
Mulayam Singh Death News: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को 82 साल की उम्र में निधन हो गया है। बता दें कि उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता ने इसी साल 9 जुलाई को अंतिम सांस ली। वहीं उनकी मौत के बाद मुलायम सिंह सिर्फ 92 दिन तक ही जिंदा रह पाए। कहा जाता है कि एक वक्त में मुलायम सिंह बैकफुट पर आ गए थे। साथ ही उन्होंने कोर्ट में हलफनामा देकर अपनी दो पत्नियां होने की बात भी स्वीकार की थी।\
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जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने मुलायम के खिलाफ 2 जुलाई 2005 को हलफनामा दाखिल कर पूछा कि 1979 में 79 हजार रुपए की संपत्ति वाला समाजवादी करोड़ों का मालिक कैसे बन गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने CBI से मुलायम की संपत्ति की जांच करने को कहा। कोर्ट के आदेश पर जांच एजेंसी ने अगले दो साल यानी 2007 तक मुलायम सिंह की संपत्ति से जुड़े पुराने पन्ने खंगाले। उस रिपोर्ट के बाद ही खुलासा हुआ कि मुलायम की दूसरी पत्नी का नाम साधना गुप्ता है। (Mulayam Singh Death News)
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मुलायम सिंह और साधना की लव-स्टोरी 40 साल पहले सैफई के एक अस्पताल से शुरू हुई थी। हालांकि ठीक तरीके से साधना मुलायम की जिंदगी में आईं 1988 में और 1989 में मुलायम UP के CM बन गए। तब से वे साधना को लकी मानने लगे। पूरे परिवार को ये बात पता थी। कहता कोई नहीं था। अब जब सब कुछ सामने आ ही रहा था तब 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया। (Mulayam Singh Death News)
The champion of the interests of the marginalised and backward: Shri Mulayam Singh Yadav ji steadfastly fought against religious bigotry at a crucial time for India, upholding the unity and integrity of India.
Deepest condolences. @yadavakhilesh pic.twitter.com/GrYajOVwDx— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 10, 2022
एक वक्त था जब देश में कांग्रेस टूट रही थी। UP में पिछड़ा वर्ग यानी यादवों का दबदबा बढ़ रहा था। मुलायम सिंह यादव तब सबसे ज्यादा चर्चा में थे। तब समाजवादी पार्टी नहीं थी। राष्ट्रीय लोकदल था। उसी समय ओरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की 23 साल की बेटी साधना गुप्ता नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थीं। वे राजनीति में कुछ करना चाहती थीं। वे राजनीतिक कार्यक्रमों में आती थीं। उसी बीच मुलायम की साधना से मुलाकात हुई। तब क्या हुआ और क्या नहीं, सिर्फ एक ही शख्स जानता था। उनका नाम था- अमर सिंह। अब वे नहीं रहे।
Mulayam Singh Yadav, the sultan of self-serving samajwad and the killer of kar sevaks, is dead.
He could have put his formidable political instincts to better use.
Towards the end, he picked up the scent on which way the wind will blow for a long time.
May his soul travel well. pic.twitter.com/3JA26o3FEL— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) October 10, 2022
वहीं एक जर्नलिस्ट और राइटर सुनीता एरोन ने अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ लिखी थी। इसमें कुछ पन्ने उन्होंने मुलायम की लव स्टोरी पर खर्च किए थे। सुनीता एरोन के मुताबिक शुरुआत में साधना और मुलायम की आम मुलाकातें हुईं। मुलायम की मां की वजह से दोनों करीब आए। मुलायम की मां मूर्ती देवी बीमार रहती थीं। साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की। (Mulayam Singh Death News)
Sharad Yadav
Mulayam Singh Yadav
Lalu Prasad Yadav
Ramvilas PaswanThey/Their families prospered after Implementation of Mandal Commission Reccomendations #MulayamSinghYadav pic.twitter.com/MhM94eDV7w
— Raman (@SaffronDelhite) October 2, 2022
सुनीता एरोन ने लिखा कि मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय साधना वहां मौजूद थीं और उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया। साधना की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी। मुलायम इसी बात से इम्प्रेस हुए और दोनों की रिलेशनशिप शुरू हो गई। तब अखिलेश यादव स्कूल में स्टूडेंट थे। दरअसल, साधना खुद नर्स रही हैं। उन्होंने शुरुआती दिनों में कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया है। इसलिए उन्हें इंजेक्शन का आइडिया था।
The 'Dhobi Pachhad' master of Indian politics is no more. #MulayamSinghYadavdeath#mulayamsingh
END OF AN ERA! pic.twitter.com/xfCbDU9j4F— Syed Mohd Subhan (@SyedMohdSubhan2) October 10, 2022
साल 1982 से 1988 तक अमर सिंह इकलौते ऐसे शख्स थे, जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है। उन्होंने किसी से कहा नहीं, क्योंकि मुलायम के घर में उनकी पहली पत्नी मालती देवी और बेटे अखिलेश मौजूद थे। मुलायम मुख्यमंत्री बनने की एकदम चौखट पर आ खड़े हुए। साधना अपने पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग रहने लगीं। उनकी गोद में एक बच्चा था। मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिला दिया। साल 2019 के पहले मुलायम 23 साल तक लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग के सरकारी बंगले में रहे थे, लेकिन 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें बंगला छोड़ना पड़ा। तब वे साधना के साथ C-3/13 अंसल गोल्फ सिटी में शिफ्ट हो गए थे।
तब से वे अखिलेश यादव के परिवार की बजाय साधना के साथ ही रहते थे। वहीं 5 जुलाई 2022 को साधना को गुरुग्राम के मेदांता में भर्ती कराया गया। फेफड़े में संक्रमण था और 9 जुलाई 2022 को साधना का निधन हो गया। उसके बाद से मुलायम की भी तबीयत और ज्यादा खराब रहने लगी। करीब 45 दिन से मुलायम उसी अस्पताल में भर्ती थे, जहां साधना का निधन हुआ। 10 अक्टूबर को 8 बजकर 15 मिनट पर मुलायम का भी निधन हो गया। (Mulayam Singh Death News)
बता दें कि साधना गुप्ता औरैया के विधूना की रहने वाली थीं। वे मुलायम से 20 साल छोटी थीं और उनकी दूसरी पत्नी थीं। साधना गुप्ता BJP नेत्री अपर्णा यादव की सास और प्रतीक यादव की मां थीं। उनकी पहली शादी साल 1986 में फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी। शादी के बाद साधना ने बेटे प्रतीक को जन्म दिया था, लेकिन पति से उनकी बनी नहीं इसलिए उनका तलाक हो गया। बाद में साधना गुप्ता ने मुलायम सिंह से शादी कर ली। साधना गुप्ता यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की सौतेली मां थीं। मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी का नाम मालती देवी था। अखिलेश यादव मालती और मुलायम सिंह के ही बेटे हैं। (Mulayam Singh Death News)