नववर्ष 2022 : संकट अभी टला नही है, अब और ज्यादा सावधानियां बरतनी होंगी : प्रोफ़ेसर एस.एम. पाध्ये
न्यूज डेस्क : सामान्यत: 1 जनवरी से ही हम नया वर्ष प्रारम्भ करते हैं और व्यवहार में भी लाते हैं किंतु सनातन धर्म मे हिन्दू नव वर्ष को शक संवत के साथ आज भी चैत्र मास की प्रतिपदा अर्थात गुड़ी पाडवा से नव वर्ष प्रारम्भ करते है। इस वर्ष यह 2 अप्रैल को होने से हिन्दू नव वर्ष 2 अप्रैल से प्रारंभ होगा। यह संयोग ही है कि हमारा वित्त वर्ष भी 1 अप्रैल से ही शुरू होता है।
जिला पेंशनर्स एसोसिएशन बलौदाबाजार के अध्यक्ष व प्रोफ़ेसर एस.एम. पाध्ये ने कहा कि, आने वाला वर्ष निः संदेह उतना भारी नही पड़ेगा जितना बीता हुआ वर्ष था। हम सबने कोरोना महामारी की भयावहता को बहुत करीब से देखा है। कितनो ने अपनो को खोया है। कितने ही काल का ग्रास बनते बनते बच गए। बीते हुए काल से हमे अनुभव मिलता है। आने वाले कल के लिए प्रेरणा मिलती है।
संकट अभी टला नही है। हमे वही सावधानियां बरतनी हैं जिनकी वजह से हम संकट से उबरे हैं। इस बार सब कुछ ठीक ठाक रहा तो छोटों से लेकर बड़ों तक की परीक्षाएं स्कूल कॉलेजों में पूर्वतः होंगी। नए वर्ष के प्रारंभ से ही गंभीरता के साथ पढ़ाई करने का संकल्प लेना है। छोटों से लेकर बड़ों तक सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना है। कोविड के नियमों का सख्ती के साथ पालन करना और करवाना है। युवाओं को आत्म शक्ति ढृढ़ करनी होगी। अच्छे भविष्य के लिए सुढृढ़ वर्तमान की नींव रखनी होगी।
प्रोफ़ेसर एस.एम. पाध्ये ने आगे कहा, समय, मान्यताएं, परिस्थितियां तेजी से बदल रही है। हमे केवल अनुसरण नही करना है वरन तर्क संगत निर्णय लेकर भविष्य का निर्धारण करने है। सबसे महत्त्वपूर्ण है कि सुखद भविष्य के लिए हमेसंगठित होकर रहना है, हर तरह के भेद भाव मिटाना है। सुखद भविष्य के लिए पुनः शुभकामनाएं।