नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या, 2017-18 की तुलना में करीब एक चौथाई कम हुई है। बता दें कि नोटबंदी के बाद यह 33,630 लाख के अपने चरम पर पहुंच गई थी, जो कि मार्च 2021 में घटकर 24,510 लाख हो गई है।
अगर मूल्यों में देखें तो यह उस समय करीब 6.72 लाख करोड़ रुपए था, जो अब घटकर 4.90 लाख करोड़ रुपए हो गया है।प्रचलन से हटाए गए 2,000 रुपए के नोटों की संख्या पर गौर करें तो ये संख्या 9,120 लाख है, जिनकी कुल कीमत 1.82 लाख करोड़ रुपए है। इसका मतलब है कि 2,000 रुपए के नोटों की संख्या में 27 फीसदी की गिरावट आई है है।
कहां गए वो 2,000 रुपए के नोट?
आरबीआई की ताजा सालाना रिपोर्ट इन नोटों के बारे में कुछ नहीं कहती है। जाहिर है, आरबीआई ने 2,000 रुपए के नए नोटों की छपाई बंद कर दी है। क्योंकि, ये उच्च मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आ रहे हैं।
एटीएम में भी लोगों को पहले की तरह 2,000 रुपए के नोट नहीं मिल रहे हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि इन नोटों की कीमत अधिक होने के कारण काले धन के रूप में जमा किया गया हो।