TMC, NCP और CPI से छिना नेशनल पार्टी का दर्जा, आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी
Election Commission of India: भारत निर्वाचन आयोग से TMC, NCP और CPI को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, चुनाव आयोग ने TMC (तृणमूल कांग्रेस), NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और CPI (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है। इससे पहले BSP से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया था। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को नागालैंड में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिली। टिपरा मोथा पार्टी को त्रिपुरा में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिली। चुनाव आयोग ने BRS को आंध्र प्रदेश में एक राज्य पार्टी के रूप में अमान्य किया। भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में RLD का एक राज्य पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को पश्चिम बंगाल में एक राज्य पार्टी के रूप में अमान्य किया। मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता मिली।
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चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया है। नेशनल पार्टी के लिए AAP को गुजरात या हिमाचल में 6% से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी। बता दें कि गुजरात में आप पार्टी को करीब 13% वोट शेयर मिला है। ऐसे में वह नेशनल पार्टी बन गई है। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। AAP इससे पहले 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है। राष्ट्रीय पार्टी को कई फायदे मिलते हैं। दरअसल, राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देशभर में सुरक्षित कर सकती हैं। राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकती हैं। साथ ही इनके यात्रा खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं रखा जाता है। (Election Commission of India)
भारत निर्वाचन आयोग आम आदमी पार्टी (AAP) को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता देता है।
चुनाव आयोग ने CPI और TMC को राष्ट्रीय दलों के रूप में अमान्य किया। pic.twitter.com/1kgsmAxwuP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 10, 2023
दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टियों को सब्सिडी दर पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी कार्यालय के लिए एक सरकारी बंगला किराए पर मिलता है। आम चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट बैंड्स मिलते हैं। यानी राष्ट्रीय पार्टियों को सरकारी चैनलों पर दिखाए जाने का समय तय होता है। राष्ट्रीय पार्टियों को नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ एक प्रस्तावक की जरूरत होती है। अन्य पार्टियों को 2 प्रस्तावक चाहिए। अनरिकग्नाइज्ड पार्टियों और निर्दलीयों को 5 प्रस्तावकों की जरूरत होती है। राष्ट्रीय पार्टियों को मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिए जाते हैं। साथ ही उनके उम्मीदवारों को आम चुनावों के दौरान एक प्रति मुफ्त मिलती है। (Election Commission of India)
भारत निर्वाचन आयोग ने एनसीपी का राष्ट्रीय दल का दर्जा वापस ले लिया है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को नागालैंड में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिली।
टिपरा मोथा पार्टी को त्रिपुरा में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिली।
BRS को आंध्र प्रदेश में एक राज्य पार्टी के… pic.twitter.com/RzWNw58d2R
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राजनीतिक पार्टी लोगों का एकजुट गुट होता है, जो एक जैसी आइडियोलॉजी और पॉलिटिकल एप्रोच में भरोसा रखते हैं। पार्टियां चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारती हैं। जनता से उन्हें जिताने की अपील करते हैं और फिर अपनी विचारधारा के मुताबिक काम करवाने का प्रयास करते हैं। भारत में पॉलिटिकल पार्टी को चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। भारत में कोई भी चुनाव लड़ सकता है और अपनी पॉलिटिकल पार्टी बना सकता है। भारत में कुल 2 हजार 858 पार्टियां हैं, जो लगातार बढ़ ही रही है। (Election Commission of India)
भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में RLD का एक राज्य पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है।
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को पश्चिम बंगाल में एक राज्य पार्टी के रूप में अमान्य किया।
मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता मिली। pic.twitter.com/t1Pa4w7iRf
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