रायपुर। छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहार का खतरा टलता दिखाई दे रहा है। राजधानी रायपुर में भी जून से कोरोना की रफ़्तार कम हुई है, जो अभी भी कम ही है। इसे देखते हुए विशेषज्ञ मान रहे है कि अगस्त में भी मरीज कम ही रह सकते है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो संक्रमण बढ़ेगा ही नहीं, तो तीसरी लहर की स्थिति बनेगी ही नहीं।
Nag Panchami: नागपंचमी आज, जानें इसका महत्त्व और पूजा विधि
दरअसल कोरोना से संक्रमित होने के बाद किसी भी व्यक्ति के शरीर में उसकी एंटीबाडी तीन माह तक रहती है। इसके बाद एंटीबॉडी धीरे-धीरे ख़त्म होती है। इसीलिए माना जा रहा है कि तीसरी लहर का खतरा सितम्बर माह में हो सकता है। मिले आंकड़ों के अनुसार जून महीने में 1282 मरीज, जुलाई महीने में 499 और 12 अगस्त तक केवल 110 मरीज मिले हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना से मरने वालों का आकड़ा भी कम हो गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिली छत्तीसगढ़ की राज्यपाल, आदिवासियों के विकास पर की चर्चा
दूसरे राज्यों से है कोरोना बढ़ने का खतरा
छत्तीसगढ़ में अगर कोरोना का संक्रमण बढ़ेगा तो इसके लिए दूसरे राज्यों से आने वाले लोग ही जिम्मेदार होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि पहली लहर में महाराष्ट्र, गुजरात से आने वाले मजदुर के कारण यहां संक्रमण बढ़ा था। दूसरी लहर में महाराष्ट्र, आँध्रप्रदेश और तेलंगाना से आये लोगों के कारण कोरोना केस बढे। यही कारण है की छत्तीसगढ़ में अभी बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है।