Dhokra art : पीएम मोदी ने डेनमार्क के क्राउन प्रिंस को उपहार में दिया छत्तीसगढ़ का ढोकरा नाव
Dhokra art : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने डेनमार्क का दौरा किया. पीएम मोदी की इस यात्रा में उनके लेकर गए भेंट भी काफी चर्चा में हैं। उन्होंने डेनिश राजघराने से मुलाकात कर वहां के क्राउन प्रिंस फ्रेड्रिक को 4 हजार साल पुराने पद्धति से बनी छत्तीसगढ़ की ढोकरा नाव (Dhokra art) उपहार के तौर पर दी.
छत्तीसगढ़ जनजातीय प्रधान राज्य है. छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले को देश में सबसे पुरानी ढोकरा आर्ट के लिए प्रसिद्धि हासिल है. यहां बनाई गई प्रतिमाओं का देश विदेश में डिमांड में रहता है. छत्तीसगढ़ की ढोकरा कला कई देशों में पसंद की जाती है.
ऐसे बनाया जाता है ढोकरा आर्ट
- पीतल को एक सजीव रूप दिया जाता है. सबसे पहले मिट्टी का ढांचा तैयार किया जाता है. ढांचे पर मोम से कलाकारी की जाती है और फिर उसे सूखने के लिए रख दिया जाता है.
- मोम के सूखने के बाद उसपर नदी की चिकनी मिट्टी का लेप चढ़ाने के बाद उसे दोबारा सुखाया जाता है.
- जब मोम के ऊपर लगी मिट्टी पूरी तरह से सूख जाती है, तो उसे आग में तपाया जाता है. आग में तपने की वजह से मोम पूरी तरह पिघल जाता है और जगह खाली हो जाती है, जिसके बाद खाली जगह पर पीतल को पिघलाकर भरा जाता है. इसके बाद मिट्टी को निकाल लिया जाता है.
- जो आकृति मोम के पिघलने से तैयार होती है, वही पीतल का मूर्त रूप ले लेती है.
- मूर्ति के तैयार होने के बाद उसे साफ किया जाता है. मूर्ति की ज्यादातर सफाई हाथ या फिर छोटी-छोटी छैनी, हथौड़े से की जाती है.