नववर्ष 2022 : अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा, यही हैं सफ़लता की कुंजी : राजेश साहू
न्यूज डेस्क : युवा भाजपा नेता व जनपद पंचायत अभनपुर के सदस्य राजेश साहू ने कहा कि, “अनुशासन शब्द” दो शब्दों से मिलकर बनता है। अनु+ शासन के मिलने से अनुशासन शब्द का निर्माण होता है। अनुशासन शब्द का अर्थ होता है, कि नियमों का पालन करना। चाहे वह अपनी जिंदगी हो, चाहे बाहरी वातावरण हो। हर जगह पर मनुष्य को अनुशासन का पालन करना चाहिए और अनुशासन में रहना सीखना चाहिए।
राजेश साहू ने आगे कहा, अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन होना बहुत ही जरूरी होता है। अनुशासन ही हमारे सफ़लता की कुंजी है। हमारे जीवन में इसका बहुत महत्व होता है। इसके अनुसार ही हमारे जीवन का भविष्य तय होता है। इसलिए हमें इस नववर्ष पर अपने जीवन में अनुशासन को महत्व देना चाहिए और एक अनुशासित जीवन जीना चाहिए।
यह भी पढ़ें : नववर्ष 2022 : हम फिर मुस्तैदी से लड़कर वैश्विक महामारी के महायुद्ध में विजयी होंगे : प्रोफेसर घनाराम साहू
“जीवन को सुधारे, अनुशासन को अपनाए”
राजेश साहू ने कहा, अनुशासन से जीवन में अपने उद्देश्यों की प्राप्ति होती हैं। छोटी बातों में अनुशासन को शामिल करने से हर असंभव काम संभव हो जाता हैं। हमें अपने जीवन को अनुशासित बनाने के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए :
- अपने किसी भी कार्य को आज ही पूरा करना, कल के लिए नहीं छोड़ना।
- एक सही और अच्छी दिनचर्या का पालन करना।
- अपने हर कार्य को पूरी लग्न और मेहनत से करना।
- हमेशा बुरी आदतों और बूरे कामों से दूर रहना।
- हमारे जीवन में बहुत से कार्य व्यर्थ होते हैं, उनसे दूरी बनाना।
“अनुशासन का पालन करना कड़वा होता है , लेकिन अनुशासन का पालन करने के बाद मिलने वाला फल बहुत मीठा होता है।