कूनो नेशनल पार्क से फिर आई खुशखबरी, चीता आशा ने 3 शावकों को दिया जन्म

Cheetahs Born in Kuno: भारत में चलाए जा रहे चीता प्रोजेक्ट को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आई चीता आशा ने 3 शावकों को जन्म दिया है। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। तीनों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। नेशनल पार्क का मैदानी अमला और डॉक्टरों की टीम शावकों पर नजर बनाए हुए हैं। कूनो में अब 4 शावक समेत कुल 18 चीते हो गए हैं। नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाई गई मादा चीता आशा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह नाम दिया था।

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वहीं इसे लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मध्यप्रदेश सरकार के नेतृत्व में शुरू की गई चीता परियोजना के तहत  कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों का जन्म हुआ है। मैं मध्यप्रदेश के सभी अधिकारियों को बधाई देना चाहता हूं। प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में जो चीता प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, उसके लिए 3 जनवरी का दिन अद्वितीय है। कूनो में तीन नन्हें शावकों का जन्म हुआ है, इस खुशखबरी के लिए समस्त प्रदेशवासियों को बधाई देता हूं। जिस स्वप्न के साथ चीता प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, वह अब सार्थक हो रहा है।

वहीं 27 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। बाद में इनमें से तीन शावकों की मौत हो गई थी, जिनका जन्म कूनो में हुआ था। बता दें कि 26 मार्च से 2 अगस्त 2023 तक 9 चीतों की मौत हो चुकी है। भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई थी। पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। यानी कुल मिलाकर नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे। (Cheetahs Born in Kuno)

वहीं नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले तीन चीतों और फिर एक-एक कर 3 चीता शावकों की मौत हो गई। सबसे पहले 26 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हुई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने दम तोड़ दिया था। वहीं 9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत हो गई थी। जबकि 23 मई को नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत हुई। इसी तरह 25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की जान चली गई। 11 जुलाई को चीते तेजस की मौत हो गई थी। इसके बाद 14 जुलाई को चीता सूरज ने दम तोड़ दिया। वहीं 2 अगस्त को मादा चीता धात्री ने दम तोड़ दिया था। (Cheetahs Born in Kuno)

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